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3 साल की बेटी का सौदा करते नहीं पसीजा अफगानी का दिल: पेट की आग में जल रहे जज़्बात

तालिबान राज में नर्क बना अफगानिस्तान: पेट के लिए 3 - 3 साल की बेटियों का सौदा कर रहे अफगानी

1970 के दशक और उसके पहले जब अफगानिस्तान में आम लोगों की लड़कियां भी यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं, मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करती थीं, आज उसी अफगानिस्तान में लड़कियां बिक रही हैं उनका सौदा हो रहा है। गरीबी और भुखमरी से परेशान लोग अपनी पेट की आग बुझाने के लिए मासूम बेटियों का सौदा कर रहे हैं।

एक दो नहीं ऐसे सैकड़ों मामले सामने आने पर हर शख्स के जेहन में ये बात आ रही है कि तालिबान के राज में अफगानिस्तान क्या बेटियों का बाजार बनता जा रहा है। दुनिया में कहीं भी रहने वाला शख्स चाहे वो किसी भी धर्म या संस्कृति का हो, मानवता की इस गिरावट को देख कर उसका कलेजा पसीज जाएगा। अफगानिस्तान में बेटियों को बेचने के मामले बहुत हैं। आपको यहां हम ऐसे कुछ मामलों से रूबरू करा रहे हैं जिन्हें महसूस कर ममता से भरी हर आंख में पानी आ जाएगा।


3 साल की मासूम का सौदा

अफगानिस्तान के पत्रकार हिजबुल्लाह खान ने एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर शेयर किया है, जिसमें एक 3 साल की बच्ची अपने पिता के साथ दिखाई दे रही है। हिजबुल्लाह खान ने दावा किया है कि, इस पिता ने अपनी 3 साल की बेटी को दुल्हन बनाकर उसे एक अधेड़ उम्र के शख्स के हाथों बेच दिया है। अफगान पत्रकान ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है – अफगानिस्तान का दुर्भाग्य: एक पिता ने अपने बच्चों का पेट भरने के लिए अपनी 3 साल की क्यूट बेटी को बतौर दुल्हन बनाकर बेच दिया।

10 साल की मासूम को बेचा

एक दूसरे अफगान पिता ने अपने परिवार के बाकी लोगों का पेट भरने के लिए पैसे के बदले अपनी 10 साल की बेटी का सौदा कर दिया। 1 हजार डॉलर लेकर उसने 10 साल की बच्ची की शादी एक 21 वर्षीय लड़के के साथ तय कर दी। इस बात की खबर लगने पर बच्ची की मां, जो अब तलाकशुदा है, उसने अपनी बेटी को बचा तो लिया, लेकिन अब उसे अपनी बेटी के बदले एक हजार डॉलर चुकाना होगा क्योंकि लड़की का पिता एक हजार डॉलर लेकर भाग चुका है। गरीब मां के पास इतने पैसे नहीं कि वह इसे चुका सके। उसने एक बेटी को भले ही बचा लिया है, लेकिन उसे डर है कि उसके बदले में कहीं उसे अपने सभी बच्चों को बेचने की नौबत ना आ जाय

घरवालों से छिपाकर बेच दी बेटी

हेरात में एक शख्स ने अपनी 10 साल की बेटी को घरवालों से छिपाकर बेच दिया, ताकि वो अपने बाकी बच्चों को खाना खिला सके और उन्हें भुखमरी से बचा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, उस शख्स ने 10 साल की बेटी को बेचने से पहले अपनी पत्नी को भी नहीं बताया था। खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अब इस 10 साल की बेटी की मां उसे खोज रही है।

इस दुखी मां ने बताया कि – उसने अपने पति को कहा था कि वो बच्चों के लिए खाना लेकर आए, क्योंकि वो कई दिनों से भूखे हैं। जिसके बाद उसका पति खाना लाने चला गया और कुछ देर बाद खाना लेकर आया, जब उसने पूछा, कि वो कहां से खाना लेकर आया है, तो उसने कहा कि, एक परिवार ने उसकी बेटी को खरीद लिया है और बदले में अब वो हमें खाना देगा।

जब पेट आग में भस्म गई मां की ममता

21 साल की फातिमा, जो चार बच्चों की मां है, उसे भी अपने एक बच्चे को बेचने का फैसला अपने कलेजे पर पत्थर लेकर लेना पड़ा। अफगान मीडिया के मुताबिक, फातिमा ने काफी दिनों तक अपने बच्चों को बचाए रखा और भूख का सामना करती रही, लेकिन अब उसके पास कोई और चारा नहीं बचा है, सिवाए इसके कि वो अपने किसी एक बच्चे को बेच दे। फातिमा का पति घर छोड़कर जा चुका है और सभी बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी उसके ऊपर है।

उसका एक बच्चा खाना नहीं मिलने से कुपोषण का शिकार हो गया जिसकी जान बचाने के लिए उसने बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में जबतक सरकारी इलाज चला तबतक तो ठीक रहा, लेकिन अस्पताल से घर आने के बाद उसके पास जान बचाने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा था।

55 साल के शख्स को बेच दी 9 साल की बेटी

9 साल की परवाना मलिक को परिवार ने पिछले साल अक्टूबर में 55 साल के कुर्बान के हाथों बेच दिया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ गई है लोग बुढे लोगों के हाथों अपनी छोटी बेटियों को बेच रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, छोटी बच्ची परवाना मलिक का परिवार आठ लोगों का है और अब परिवार के पास गुजारा करने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। परिवार के पास ना अनाज बचा है और ना ही अनाज खरीदने के लिए पैसे।

ऐसी स्थिति में परिवार के पास अपना पेट भरने के लिए और कोई विकल्प नहीं बचा था और पिता ने अपने से भी ज्यादा उम्र के शख्स के साथ अपनी 9 साल की बेटी को बेच दिया। जब 55 साल का कुर्बान 9 साल की बच्ची परवाना को अपने साथ ले जा रहा था तो पूरा घर रो रहा था और पिता ने बेटी को जो आखिरी शब्द कहे थे, वो थे- यह तुम्हारी दुल्हन है, प्लीज इसका ख्याल रखना, प्लीज इसे पीटना नहीं।(चित्र सौजन्य- सीएनएन)

कुछ लड़किया ही कर रहीं विरोध

हालांकि कुछ ऐसी भी मिसलें हैं जहां लड़कियां इस तरह की सौदेबाजी के लिए तैयार नहीं हो रही हैं। परवाना के पड़ोस में रहने वाली 10 साल की मागुल 70 साल के लेनदार के हाथों बिकने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल की बेटी मागुल बताती है कि, वो किसी भी हाल में अपने घर को और अपने माता-पिता को छोड़कर नहीं जाना चाहती है। उसने कहा कि अगर वे उसे बेच देंगे, तो वह आत्महत्या कर लेगी।

तालिबान राज में कुछ बेटियों का ये हाल नहीं है बल्कि सैंकड़ों अफगान बच्चियों का भविष्य अंधकार में डूब गया है। तालिबान ने देश में लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान के लोगों द्वारा आम लोगों, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार किये जाने की लगातार खबरे आ रही हैं। तालिबान राज में लड़कियों का ये हाल इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। दुनिया के दूसरे देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।

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