विशेष

शारीरिक रूप से जुड़े जुड़वा भाइयों ने ज्वाइन किया , Goverment Job , इस तरह करते हैं काम

शारीरिक रूप से जुड़े जुड़वा भाइयों सोहना सिंह और मोहना सिंह को अमृतसर में पंजाब राज्य विद्युत निगम में नौकरी मिली है , जानिए इनके मेहनत की कहानी

ईश्वर की देन भी बड़ी अजीब है। ऐसी ही ईश्वर की एक नियामत हैं शारीरिक रूप से जुड़े जुड़वा भाई सोहना सिंह और मोहना सिंह। जोकि पिंगलवाड़ा के रहने वाले हैं। बता दें की अमृतसर में पंजाब राज्य विद्युत निगम में दोनों को नौकरी मिली है और जुड़वा भाइयों सोना सिंह और मोना सिंह ने बीते 20 दिसंबर को इसे ज्वाइन भी कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शुरू में उन्हें 20 हजार रुपए वेतन मिलेगा और दोनों का जीवन बड़ी प्रेरणा कि शारीरिक कमजोरियां इंसान को उसके इरादों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती हैं।

पंजाब राज्य विद्युत निगम में 20 दिसंबर को ज्वाइन किया

sohna mohna brother

अमृतसर में शारीरिक रूप से जुड़े जुड़वा भाइयों सोना सिंह और मोना सिंह ने पंजाब राज्य विद्युत निगम में 20 दिसंबर को ज्वाइन किया. नौकरी में एक को नौकरी मिली है तो दूसरा उसको साथ में मदद करता है ।

sohna-and-mohna-singh

सोहना को काम मिला, मोहना मदद करता है

sohna-and-mohna-singh

पीएसपीसीएल के सबस्टेशन जूनियर इंजीनियर रविंदर कुमार ने कहा, ”सोहना-मोहना यहां बिजली के उपकरणों की देखभाल में हमारी मदद करते हैं. पंजाब सरकार ने उन्हें काम पर रखा है. सोहना को काम मिल गया और मोहना साथ में मदद करता है. उनके पास काम का अच्छा अनुभव भी है ।

लगन शारीरिक कमजोरियां बधा नहीं बन सकती हैं

sohna-and-mohna-singh

सोहना और मोहना ने इलेक्ट्रिशियन में आईटीआई का डिप्लोमा किया है. बिजली विभाग ने उन्हें बिजली सब-स्टेशन में नौकरी दी है. वे वहां पर बिजली सप्लाई के कंट्रोल रूम में रहकर काम कर रहे हैं. 14 जून 2003 को नई दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में दोनों जुड़वां भाइयों का जन्म हुआ.

sohna-and-mohna-singh

sohna-and-mohna-singh

जान पर खतरा होने के चलते डॉक्टरों ने इन्हें अलग नहीं किया. आज दोनों का जीवन लोगों के लिए बड़ी प्रेरणा कि शारीरिक कमजोरियां इंसान को उसके इरादों को पूरा करने में बाधा नहीं बन सकती हैं ।

पंजाब सरकार और पिंगलवाड़ा संस्थान को धन्यवाद

सोना सिंह ने बताया, हमने यहां 20 दिसंबर को ज्वाइन किया है. हम पंजाब सरकार और पिंगलवाड़ा संस्थान को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमें पढ़ाया-लिखाया ।

Back to top button