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UP: सम्पत्ति जब्त होने के भय से डरा कुख्यात वाहन चोर अबरार ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

मेरठ (यूपी)! सूबे की सत्ता में जबसे योगी आदित्यनाथ की सरकार आईं है। उसकी प्राथमिकता में कहीं न कहीं राज्य को अपराधियों से मुक्त बनाना है। जी हां इसी के अंतर्गत बीते साढ़े चार साल से योगी आदित्यनाथ की सरकार कार्यरत है। गौरतलब हो कि योगी सरकार ने आदतन अपराधियों की सम्मति जब्त कर उन्हें सबक सीखाने का अनूठा तरीका निकाला है और अब इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के कुख्यात वाहन चोर अबरार की करोड़ों की संपत्ति को पुलिस ने बीते दिन कल कुर्क कर दिया।

Notorious Vehicle Thief Abrar

वहीं कुर्की के खौफ से आरोपी ने खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। गौरतलब हो कि तीन दशकों में पश्चिम उत्तर प्रदेश के सबसे बदनाम बाजार सोतीगंज में पुलिस ने अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।

Notorious Vehicle Thief Abrar

वहीं जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात वाहन चोर अबरार की करोड़ों की संपत्ति को पुलिस ने कुर्क कर लिया है और यह उत्तरप्रदेश पुलिस के लिए बहुत बडी क़ामयाबी है। योगी सरकार ने यूपी को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में यह सराहनीय पहल की है। गौरतलब हो कि मेरठ के थाना सदर बाजार क्षेत्र के सोतीगंज में मेरठ पुलिस ने वाहन माफिया अबरार के कई प्रतिष्ठानों को भी सील कर दिया है।

इतना ही नहीं कुर्की के दौरान अबरार के प्रतिष्ठानों से करोड़ों रुपए के वाहन पार्ट्स भी बरामद किए गए हैं। ऐसे में अब तक 35 से ज्यादा वाहन माफियाओं के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है और 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है।

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बता दें कि यूपी में वाहन चोरी की घटनाएं एक समय चरम पर थी। जिस पर उत्तरप्रदेश पुलिस ने लगातार कार्रवाई कर चोरों के मन मे ख़ौफ़ पैदा करने का काम किया है। मालूम हो कि योगी सरकार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वाहन चोरों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जबरदस्त तरीके से चल रही है। जिसमें अब तक मन्नू कबाड़ी, हाजी गल्ला, राहुल काला समेत कई बड़े वाहन चोरों पर गैंगस्टर और कुर्की तक की कार्रवाई की जा चुकी है।

वहीं इसी क्रम में बीते दिन वाहन माफिया अबरार के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की गई। जिसके चलते अबरार के कई प्रतिष्ठानों को सील किया गया और कुर्की के दौरान करोड़ों के वाहन पार्ट्स बरामद किए गए। वहीं पुलिस अधिकारियों की माने तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों से चोरी के वाहन लाकर यहां ठिकाने लगाया जाता था। लेकिन अब चोरी के वाहनों का यह अवैध बाजार पुलिस कार्रवाई की जद में है और पुलिस के ख़ौफ़ से अपराधी खुद सरेंडर करने को मजबूर हो रहे है।

सोतीगंज में कभी रद्दी, कोयला, चारा बिकता था, लेकिन बाद में…

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बता दें कि मेरठ सदर थाना इलाके का सोतीगंज बाजार हमेशा से चोरी की गाड़ियों के लिए फेमस नहीं था। काफी साल पहले यहां 1960 के दौर में रद्दी, कोयला, पशुओं का चारा बिका करता था। सन् 1980 के बाद से दौर बदलना शुरू हुआ और फिर यह चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स का गढ़ बन गया। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि धीरे- धीरे यहां दुकानें बढ़ती गई। पहले यहां चार दुकानें खुली थीं।

फिर क्या, घरों के अंदर दुकानें और गोदाम खुलते गए और कुछ ही सालों में सोतीगंज बाजार चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स की बिक्री और नई गाड़ी तैयार कर उन्हें बेचने का गढ़ बनता गया। जिसपर अब योगी सरकार नकेल कसने में लगी हुई है।

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