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आतंक का अंत: सीरिया और ईराक से हो गया ISIS का पूरी तरह सफाया!

अबु धाबी: ISIS के आतंक के बारे में कुछ भी बताने की जरुरत नहीं है। ISIS का आतंक सिर्फ सीरिया या इराक तक ही सिमित नहीं रहा बल्कि यह धीरे-धीरे पुरे विश्व में अपना पैर पसार चुका है। पूरा विश्व इस समय ISIS के आतंक का शिकार हो चुकी है। ISIS के क्रूरता के बारे में कहा जाता है कि यह बच्चों तक को नहीं छोड़ते हैं। उन्हें भी बहुत बुरी मौत देते हैं।

समय के साथ होता है हर बुराई का अंत:

समय-समय पर ISIS के क्रूरता वाले वीडियो सामने आते रहे हैं। यह सीरिया और ईराक की महिलाओं के साथ इतना बुरा सलूक करते हैं कि आप इसके बारे में सुन नहीं पाएंगे। महिलाओं को बंधक बनाकर पूरा समूह उनके साथ बलात्कार करता है। अब ISIS के बारे में एक ऐसी खबर आई है, जिसे सुनकर आपको थोड़ी राहत की साँस मिलेगी। आपको यकीन हो जायेगा कि हर बुराई का अंत होता है।

तीन सालों से था ईराक में ISIS के आतंक का साया:

ईराक ने अभी हाल ही में यह दावा किया है कि ईराक और सीरिया के ISIS का अंत हो गया है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है, यह कह पाना मुश्किल है। ईराक आज से नहीं बल्कि पिछले 3 सालों से ISIS के आतंक के साये में जी रहा था। आख़िरकार 3 साल बाद ईराक को आजादी मिल ही गयी। अरब के स्काई न्यूज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार ईराक के रक्षा मंत्री ने मोसुल में ISIS के अंत की घोषणा की।

रक्षा मंत्री ने कहा कि ईराक में दाएशा का अंत अब हमेशा के लिए हो चुका है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब आतंकी संगठन के आत्मसमर्पण का भी कोई विकल्प नहीं बचा है। रिपोर्ट के अनुसार अब ईराक को ISIS के आतंक से मुक्ति मिल गयी है, यानि अब ISIS का सफाया ईराक से पूरी तरह हो गया है। लेकिन अभी भी आतंकी संगठन के 5 लोग लड़ाई को जारी रखे हुए हैं।

अल नूरी मस्जिद में चुना गया था अबू बकर अल बगदादी को ISIS का खलीफा:

आपको बता दें इससे पहले ईराकी सेना ने यह दावा किया था कि मोसुल की प्रसिद्ध मस्जिद अल-नूरी पर भी ईराक सेना का कब्ज़ा हो चुका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी मस्जिद में अबू बकर अल बगदादी को ISIS का खलीफा चुना गया था। इसके साथ यह भी कहा गया है कि आतंक कि इस लड़ाई की वजह से अब तक लगभग 3 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

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