राजनीति

किसान महापंचायत में बोलें राकेश टिकैत, कहा माफ़ी मांगने से नहीं रुकेगा आंदोलन

हम से बात करें मोदी सरकार, वरना यूपी में लगेगा बंगाल वाला इंजेक्शन- योगेंद्र यादव...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही किसानों और देशवासियों से माफ़ी मांगते हुए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात बीते दिनों कह दी हो, लेकिन एक तरफ़ कुछ तथाकथित किसान नेता हैं। जो पीएम मोदी की बात से भी इत्तेफाक रखते नज़र नहीं आ रहें। जी हां पीएम मोदी ने जब बीते दिनों कृषि कानूनों की वापसी की बात कही।

Kisan Mahapanchayat in Lucknow

उस दौरान उन्होंने किसानों से घर लौटने की अपील भी की थी, लेकिन कुछ किसान नेताओं की वज़ह से आंदोलन अभी भी चल रहा है और इसी के अंतर्गत आज लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत भी आयोजित हुई। बता दें कि इस महापंचायत में राकेश टिकैत मोदी व योगी सरकार पर जमकर बरसे।

Kisan Mahapanchayat in Lucknow

गौरतलब हो कि उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी भाषा में समझाने में एक साल लग गए। अब प्रधानमंत्री को ये समझ आया कि कृषि कानून किसान, मजदूर व दुकानदार विरोधी हैं। टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों को बांटने का प्रयास किया। इको गार्डेन पार्क में आयोजित महापंचायत में उन्होंने कहा कि माफी मांगने से किसानों का भला नहीं होने वाला है, उनका भला एमएसपी कानून बनाने से होगा।

इतना ही नहीं इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है कि कमेटी बना रहे हैं, जबकि 2011 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी कि किसानों के लिए एमएसपी लागू करें। ये रिपोर्ट पीएमओ में रखी है उसे ही लागू कर दें, नई कमेटी की कोई जरूरत नहीं है।

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात चुनाव में की, अमल अभी तक नहीं…

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा चुनाव में किया था, उस पर अमल अभी तक नहीं हुआ है। पहले तीन क्विंटल गेहूं बेचने पर तीन तोला सोना मिलता था, अब किसान तीन क्विंटल तीन तोला सोना मांग रहा है। दो करोड़ नौकरियों का वादा किया और काम प्राइवेट कंपनियों को दिया जा रहा है, देश प्राइवेट मंडी बनता जा रहा है।

Rakesh Tikait

उन्होंने कहा कि सरकार ने संघर्ष विराम की घोषणा की है, जबकि सिर्फ तीन कानूनों की वापसी भर से मानने वाला नहीं है। आंदोलन चरणवार जारी रहेगा। वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि पता चला है कि अजय मिश्र शुगर मिल का उद्घाटन कर रहे हैं और यदि ऐसा हुआ तो किसानों का गन्ना मिल पर नहीं डीएम के दफ्तर में पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत से हल निकाल लें वरना चुनाव में सबक सिखाएंगे।

इसके अलावा इस महापंचायत में भारतीय किसान सभा के नेता अतुल अंजान ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, लागत का लाभकारी मूल्य चाहिए। महापंचायत में पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे।

Kisan Mahapanchayat in Lucknow

Kisan Mahapanchayat in Lucknow

जीत का जश्न है और आगे जंग का जज्बा भी…

Kisan Mahapanchayat in Lucknow

वहीं महापंचायत में पहुँचें योगेंद्र यादव ने कहा कि वह तो बहुत पहले से कह रहे थे कि कृषि कानून मर चुके हैं, अब उन्हें डेथ सर्टिफिकेट चाहिए। पीएम ने उसकी भी घोषणा कर दी है। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को अहंकार की बीमारी लगी है, जनता एक साल से दवाई कर रही थी लेकिन उसका असर नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल चुनाव ने छोटा इंजेक्शन दिया और यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा इंजेक्शन लगाने से पहले ही बड़ा असर हो गया है।

Kisan Mahapanchayat in Lucknow

ये जीत किसानों की है, 70 साल में पहली बार उनकी मांगे मानी गई। उन्होंने कहा कि किसानों को दान नहीं चाहिए, फसल का सही दाम चाहिए। ये दाम एमएसपी से मिलेगा। जब तक दाम मिलने की बात नहीं मानी जाती आंदोलन जारी रहेगा। वहीं आंदोलन कैसा होगा ये 27 नवंबर को मोर्चा तय करेगा। उन्होंने कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करके गिरफ्तार कराएं।

इसके अलावा मोर्चा की प्रदेश कमेटी के सदस्य व भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सि‍ंह वर्मा कहते हैं कि कृषि कानून वापसी चुनावी जुमला भर है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून संसद से पास हुए थे तो संसद से ही वापस होने चाहिए। इसके लिए टेलीविजन पर बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि जब तक एमएसपी पर कानून बनाकर इसे लागू नहीं किया जाएगा, तब तक किसान मानने वाले नहीं है। किसान पंचायत में बिजली, डीजल, महंगाई आदि पर बात होगी। पंचायत में किसान नेता दर्शन पाल सि‍ंह, जोगेंद्र सि‍ंह आदि आएंगे।

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