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अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी के फ़ैसले का किया स्वागत, कृषि क़ानून वापस लेने के बाद दिया बड़ा बयान

आज यानी प्रकाश पर्व के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कृषि क़ानून को वापस लेकर यह साबित कर दिया है कि उनके लिए देश पहले है। जी हां कृषि क़ानून को वापस लेने के बाद भले विपक्षी नेता और वामी पत्रकार कुछ भी कहें, लेकिन एक बात तो तय मानिए कि पीएम मोदी ने आज एक झटके में किसान आंदोलन की आड़ में चल रहें खालिस्तानी एजेंडे को नेस्तनाबूद कर दिया है।

शायद यही कारण है कि तथाकथित किसान नेता राकेश टिकैत अब भी किसान आंदोलन बंद न करने की बात कर रहें हैं। वहीं जब आज सुबह कृषि क़ानून को वापस लेने की बात पीएम मोदी ने कही। तो उसके बाद कई तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया भी आ रही है और उसी में से एक कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान भी है।

बता दें कि बीते दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। जिसके बाद अब मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लिए जाने पर उन्होंने बड़ी बात कही है, तो आइए जानते हैं कि आख़िर अमरिंदर सिंह ने क्या कहा और क्या आगामी विधानसभा चुनाव में अमरिंदर सिंह भाजपा के रथ पर सवार हो सकते हैं।

Amrindar Singh

गौरतलब हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार यानी आज सुबह देश के नाम संबोधन में चौंकाने वाला ऐलान कर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले रही है। प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद किसानों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 11 महीने से सड़कों पर बैठे किसानों को इस फैसले से बड़ी राहत मिली है। वहीं बीजेपी सरकार के इस फैसले से कैप्‍टन अमरिंदर सिंह भी बेहद खुश नजऱ आएं।

कैप्टन ने कहा गुरु पर्व पर मिला बड़ा तोहफा…


वहीं बता दें कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करने पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट किया कि गुरु नानक जयंती के पवित्र अवसर पर हर पंजाबी की मांगों को मानने और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए मिलकर काम करती रहेगी।

पहले ही कांग्रेस छोड़ चुके हैं अमरिंदर सिंह…

Amrindar Singh

आपको जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब में अब नए समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। कैप्‍टन अमरिंदर के कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही कयास लग रहे थे कि वो बीजेपी का साथ दे सकते हैं लेकिन कृषि कानून इसमें बड़ी अड़चन बन रहे थे। वहीं अमरिंदर सिंह शुरुआत से ही इस मुद्दे पर किसानों के साथ थे, कानूनों का विरोध कर इन्‍हें वापस लेने की मांग कर रहे थे ।

अब जब मोदी सरकार ने इन कानूनों को वापस ले लिया है तो कैप्‍टन और बीजेपी का गणित बैठता नजर आ रहा है, क्योंकि अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए कई बार पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग दोहराई थी और कहा था कि अगर यह आंदोलन चलता रहा तो पंजाब में अशांति आ सकती है।

इतना ही नहीं इसके साथ ही अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीजेपी के साथ आने का रास्ता लगभग साफ हो गया है, क्योंकि किसानों के विरोध की वजह से अमरिंदर सिंह ने बीजेपी से थोड़ी दूरी बना रखी थी, लेकिन अब जब कृषि क़ानून ही रद्द हो रहें हैं। फिर यह कयास लगने शुरू हो गए हैं कि कैप्टन बीजेपी के लिए पंजाब में खेलते दिख सकते हैं। वैसे भी बीते दिनों अमरिंदर सिंह ने यह मांग रखी थी कि अगर कृषि कानून रद्द होते हैं तो वह बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

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