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1 करोड़ रुपए में बिका ये सांड, जानिए ऐसा क्या खास है इसमें जो लग गई इतनी बड़ी बोली

पशु बाजार एक बहुत बड़ा मार्केट है। इसमें कई पशुओं की खरीदी बिक्री होती है। अधिकतर हम यही देखते हैं कि पशु बाजार में गाय, भैंस, बकरी इत्यादि ऊंची कीमतों पर बिकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पशु बाजार में सांड की भी अच्छी खासी वैल्यू होती है। खासकर यदि कोई सांड एक खास प्रजाति का हो। अब कर्नाटक के बेंगलुरु का यह मामला ही ले लीजिए।

यहाँ एक कृषि मेले (Krishi Mela 2021) में एक ‘कृष्णा’ नाम का सांड पूरे एक करोड़ रुपए में बिका। अब इस सांड में ऐसी भी क्या खास बात थी जो इसे खरीदने वाले शख्स ने इसकी 1 करोड़ की बोली लगा दी? चलिए जानते हैं।

एक करोड़ रुपए में बिका सांड

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बीते दिनों चार दिवसीय कृषि मेला (Krishi Mela in Bengaluru) लगा था। हर बार की तरह इस बार का कृषि मेला भी सुर्खियों में रहा। इस बार इसके सुर्खियों में रहने की वजह ‘कृष्णा’ नाम का एक सांड (Krishna Bull) था। कृष्णा के मालिक बोरेगौड़ा (Boregowda) इसे लेकर कृषि मेला आए थे। उनके मुताबिक ये सांड हल्लीकर ब्रीड (Hallikar Breed) का है।

इस कारण एक करोड़ में बिका सांड

कृष्णा के मालिक बोरेगौड़ा बताते हैं –

मेरा सांड हल्लीकर ब्रीड का है। इस सांड के सीमेन यानी वीर्य की मांग बहुत अधिक रहती है। इस नस्ल मवेशियों में ए2 प्रोटीन वाला दूध होता है। लेकिन दुर्भाग्य से यह प्रजाति धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। इसलिए जब भी ये दिखता है तो व्यापारियों में इसे खरीदने की होड़ लग जाती है। इस बार एक व्यापारी ने कृष्णा सांड की एक करोड़ रुपए की बोली तक लगा दी।

इस बोली को सुन कई लोग हैरान भी रह गए। दरअसल सामान्यतः सांड एक से दो लाख में बिकते हैं, लेकिन कृष्णा सांड ने सभी को पीछे छोड़ एक करोड़ रुपए अपने नाम कर लिए।

लोगों ने ली सेल्फी

अपनी ऊंची कीमत के चलते पूरे मेले में कृष्णा नाम का यह सांड आकार्षण का केंद्रा रहा। हर कोई इसे देखने आया और इसके साथ सेल्फी भी लेने लगा। सांड की उम्र अभी सिर्फ 3 साल ही है। उसके मालिक का कहना है कि इस ब्रीड की खासियत ये होती है कि इसका वजन 800 से हजार किलो तक हो सकता है। इसकी लंबाई भी साढ़े छह से 8 फीट तक चली जाती है। यदि इस सांड की सही ढंग से देखभाल की जाए तो ये 20 साल तक जिंदा रह सकता है।


बताते चलें कि चार दिवसीय इस मेले में पहले दिन (गुरुवार) करीब 60,000 से ज्यादा लोग आए थे। वहीं दूसरे दिन यह संख्या 1 लाख 10 हजार के ऊपर जा पहुंची। यह मेला बेंगलुरु के जीकेवीके कैंपस में लगा था। मेले के अंतिम दिन कृष्णा सांड आकर्षण का केंद्र बना रहा।

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