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पीड़िता का दर्द: दहेज नहीं दिया तो देवर करने लगे बुरा काम, शौहर बोला- तलाक, तलाक, तलाक..

ट्रिपल तलाक से कई मुस्लिम महिलाएं परेशान थी। पति गुस्से में तीन बार तलाक कहता और खेल खत्म हो जाता। ऐसे में केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक को लेकर नए कानून ले आई। लेकिन इसके बाद भी आए दिन ट्रिपल तलाक की खबरे सुनने को मिल जाती है। अब मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के इंदौर (indore) का यह मामला ही ले लीजिए। यहां श्रीनगर एक्सटेंशन में रहने वाली एक टीचर ने अपने उत्तर-प्रदेश (uttar pradesh) में रहने वाले पति पर तीन तलाक का मामला दर्ज किया है।

दहेज को लेकर किया प्रताड़ित

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32 साल की अलीना ने MIG थाने में तीन तलाक का केस दर्ज किया है। उसने पुलिस को बताया कि “मेरी शादी 2009 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ के रहने वाले मोहम्मद आस से हुई थी। शादी को बस तीन महीने ही हुए थे कि पति झगड़ा करने लगा। वह मायके से कुछ नहीं लाने पर ताने मारने लगा।”

पति और देवर सब करते थे महिला की पिटाई

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आलीना ने ये भी बताया कि दहेज को लेकर पति के अलावा उसके देवर आरिफ, इसराइर और इस्माइल भी उसके साथ मारपीट करते थे। वे लोग दहेज में 5 लाख रुपए की मांग कर रहे थे।

बेटी हुई तो बोला बेटा चाहिए

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अलीना ने पुलिस को बताया कि उसका पति बेटी होने पर भी बहुत नाराज हुआ था। तब उसने कहा था कि मुझे बेटी नहीं बेटा चाहिए। वह इस बात को लेकर भी पत्नी को ताने मारा करता था।

फोन पर कहा तलाक, तलाक, तलाक

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अलीना से हो रही मारपीट को लेकर उसके भाई इरफान ने अपने जीजा मोहम्मद से बातचीत की। हालांकि वह नहीं माना और अलीना को और भी ज्यादा परेशान करने लगा। ऐसे में इरफान ने अपनी बहन अलीना को इंदौर वापस बुला लिया। फिर जून 2021 में अलीना के पास मोहम्मद का कॉल आया। वह फोन पर पैसों की मांग करने लगा। जब अलीना ने पैसे देने से इनकार किया तो उसने गुस्से में अलीना से ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहा और फोन काट दिया।

पीड़िता ने दर्ज किया केस

पति ने शादी के 12 साल बाद अलीना को फोन पर तलाक दे दिया। इससे नाराज होकर अलीना और उसके रिश्तेदार थाने शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। उन्होंने मोहम्मद आस, आरिफ, इस्माइल, इसराइल के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

दो साल पहले बना था तीन तलाक के खिलाफ कानून

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने 1 अगस्त 2019 को तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया था। इसके तहत तीन तलाक के सामाजिक दुराचार को एक दण्डनीय अपराध बना दिया गया था। कई मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक से परेशान थी। ऐसे में उनके लिए यह कानून किसी वरदान से कम नहीं था। हालांकि अभी भी कई लोग इस कानून की धज्जियां उड़ाते हुए तीन तलाक कह देते हैं।

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