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4 असफल बिजनेसमैन से सीखें कि जीवन मे क्या न करें, एक तो हो चूका है भगोड़ा घोषित

आपने देश-विदेश के कई सफल उद्योगपतियों की कहानी पढ़ी होगी। उनमे से कुछ को अपने जीवन में उतारने का भी प्रयास किया होगा लेकिन आपको आज 4 असफल उद्योगपतियों के बारे में बताते हैं जो एक समय में काफी सफल हुए लेकिन बाद में किसी न किसी फर्जीवाड़े के कारण उनका और उनकी कंपनी दोनों का सितारा बुझ गया। आप इन असफल उद्योगपतियों से यह सीख सकते हैं कि जीवन में सफलता मिलने पर क्या नहीं करना चाहिए !

बीआर शेट्टी

1 अगस्त 1942 को मद्रास के उडुपी में जन्मे बावगुथु रघुराम शेट्टी (B.R Shetty) एक भारतीय मूल के व्यवसायी हैं। बीआर शेट्टी अबू धाबी स्थित एनएमसी हेल्थ, नियोफार्मा, बीआरएस वेंचर्स और फिनाब्लर समेत संयुक्त अरब अमीरात में स्थित कई कंपनियों के संस्थापक और एक्वायरर हैं। हेल्थकेयर इंडस्ट्री में अथाह प्रॉपर्टी बनाने वाले 79 साल के शेट्टी 70 के दशक में महज 8 डॉलर लेकर UAE पहुंचे थे। शुरुआत में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का काम किया।

इसके बाद वे 70 की दशक में हेल्थ केयर इंडस्ट्री के क्षेत्र में उतर गए और उन्होंने एनएमसी हेल्थ की शुरुआत की। 2012 में उनकी कम्पनी लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई, लेकिन वक्त बदलते देर नहीं लगता। 2019 में समय ने बीआर शेट्टी का साथ छोड़ दिया। मड्डी वाटर रिसर्च के फाउंडर तथा शॉर्ट सेलर कारसन ब्लॉक ने अपनी एक रिपोर्ट में एनएमसी हेल्थ पर संपत्ति का फर्जी आंकड़ा देने तथा कंपनी की संपत्तियों की चोरी का आरोप लगाया।

इसके महज तीन महीने के बाद ही एनएमसी के शेयरों को लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने से रोक दिया गया। 27 अप्रैल 2020 को, सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई ने उनके खातों को फ्रीज करने और उनकी फर्मों को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया। इस प्रकार से बीआर शेट्टी अर्श से सीधा फर्श पर आ गए।

अनिल अंबानी

anil ambani

4 जून 1959 को मुंबई में जन्मे अनिल अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के भाई हैं। Forbes के मुताबिक 2008 में अनिल अंबानी 42 अरब डॉलर के साथ दुनिया के छठे सबसे धनी व्यक्ति थे, लेकिन उनके साथ तेरह सालों में कुछ ऐसा हुआ कि अनिल के सारे कारोबार कर्ज में डूब गए और फरवरी 2020 में यूके की एक अदालत के सामने उन्होने अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया।

उन्होंने अदालत के सामने स्वीकारा कि उनकी कुल संपत्ति शून्य है और वह दिवालिया हो चुके हैं। हालांकि इस दावे की पुष्टि अभी बाकी है।

नीरव मोदी

27 फरवरी 1971 को गुजरात के पालनपुर में जन्मा नीरव मोदी एक समय में भारत के नामचीन उद्योगपतियों में जाना जाता था, लेकिन 2018 में पंजाब नेशनल बैंक को करीब साढ़े ग्यारह हजार करोड़ का चूना लगाकर वह विदेश चंपत हो गया। इस फ्रॉड के सामने आने के बाद नीरव मोदी एक नामचीन उद्योगपति से भगोड़ा बन गया।

एक जानकारी के अनुसार फिलहाल वो ब्रिटेन में रह रहा है जिसे भारत सरकार लगातार प्रत्यर्पण के लिए वहां की अदालत से संपर्क कर रही है।

रामलिंग राजू

16 सितंबर 1954 को आंध्रप्रदेश के भिमावरम में पैदा हुए रामलिंग राजू (बीआर रामलिंग) एक भारतीय व्यवसायी हैं। वह सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के संस्थापक हैं और 1987 से 2009 तक इसके अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्य किया। सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज एक समय में देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी और हैदराबाद की पहली स्टार्टअप कंपनी थी। साल दर साल कंपनी नई ऊंचाइयों को छूने लगी और एक समय ऐसा भी आया जब यह अपने क्षेत्र के 4 सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाने लगी।

सत्यम कंप्यूटर में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 60 हजार तक पहुंच गई लेकिन इसके बाद कंपनी में फर्जीवाड़ा की घटना सामने आई, जिसमें रामलिंग ने कंपनी के मुनाफे में फर्जीवाड़ा स्वीकार किया। इसके बाद यह कंपनी लगातार गर्त में गिरती रही। कर्ज में डूबने के कारण कई साल तक राजूराम लिंग को जेल में जीवन काटने पड़े और इस प्रकार सत्यम कंप्यूटर्स का सितारा बुझ गया।

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