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इस वजह से विद्या बालन को ‘मनहूस’ कहते थे लोग, ट्रेन में देखते ही लोग छोड़ देते थे सीट

मशहूर अदाकारा विद्या बालन (Vidya Balan) ने हिंदी सिनेमा में कम ही फिल्मों में काम किया है हालांकि वे मशहूर अभिनेत्रियों की सूची में शामिल हो गई हैं. अपने बेहतरीन काम के चलते उन्होंने यह ख़ास स्थान हासिल किया है. अपने संजीदा अभिनय से लोगों के बीच विद्या बालन ने ख़ास जगह बना ली है.

vidya balan

42 वर्षीय विद्या बालन अपनी अदाकारी के साथ ही अपनी बोल्ड छवि को लेकर भी सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं. वे अब तक कई शानदार फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं. उन्हें किसी भी महिला प्रधान फिल्म में लेने के लिए निर्देशकों के बीच होड़ मची रहती हैं. आज तो उनके पास काम की कोई कमी नहीं है लेकिन कभी उन्हें काम मिलना बंद हो गया था.

 

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विद्या बालन को एक समय काम नहीं मिल रहा था. उनके हाथ से फ़िल्में भी निकलती जा रही थीं. इसका ख़ुलासा खुद विद्या बालन ने किया था. साथ ही उन्होंने खुद से जुड़ा एक और मशहूर किस्सा भी साझा किया था. आइए आज आपको इसके बारे में बताते हैं.

vidya balan

अपने एक साक्षात्कार में विद्या ने ख़ुलासा करते हुए कहा कि, फ़िल्मी करियर के दौरान शुरुआत में जब वे संघर्ष कर रही थीं तब उन्हें काम नहीं मिल रहा था. कई बार तो काम मिलने के बाद उनसे काम छीन लिया गया. विद्या ने कहा था कि, तब मुझे दक्षिण भारतीय इंडस्ट्री के एक्‍टर मोहनलाल के साथ मलयालम फिल्म मिली थी. ये फिल्म किसी कारण से बंद हो गई और मुझे मनहूस कहा जाने लगा था. इसके बाद मुझे फ़िल्में मिलना बंद हो गई.

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एक्ट्रेस ने आगे बताया कि, ‘इसी दौरान एक दक्षिण भारतीय फिल्म की कास्टिंग से पहले मेरे जन्म का समय भी मांगा गया था. इसके बाद उन्हें तीन फिल्मों के ऑफर मिले, लेकिन वो सभी भी डिब्बे में बंद हो गईं और उन्हें पनौती कह कर निकाल दिया गया. वह दौर मेरे लिए काफी मुश्किलों भरा था, लेकिन मेरे माता-पिता ने मेरा साथ दिया.’

ट्रेन में लोगों से झूठ बोलती थी विद्या…

Vidya Balan

विद्या ने इस दौरान अपने करियर के शुरुआती दिनों के दौरान के एक और मजेदार किस्से के बारे में भी बात की. अभिनेत्री ने बताया कि, ‘मैं जब शुरुआत में फिल्मों में स्ट्रगल कर रही थीं, उस दौरान मैं ट्रेन में सफर करते हुए थक जाती थीं तो सीट पाने के लिए कई बार प्रेग्नेंट होने की एक्टिंग करती थीं. जिसके बाद उन्हें अक्सर सीट मिल जाया करती थी.’

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बता दें कि फिल्मों के अलावा विद्या ने टेलीविजन एड में भी काम किया है. शुरूआत में वे टेलीविजन एड में काम करती थीं फिर उन्होंने फ़िल्मी दुनिया की ओर रुख किया. उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर का आगाज़ बंगाली फिल्म ‘भालो थेको’ से किया था जो कि साल 2003 में प्रदर्शित हुई थी.

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विद्या ने इस फिल्म के बाद हिंदी सिनेमा में अपने कदम रखे. साल 2005 में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘परिणिता’ के बाद विद्या ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे अब तक हिंदी सिनेमा में ‘भूल भुलैया’ से लेकर ‘द डर्टी पिक्चर’ के बोल्ड कैरेक्टर तक से अपनी ख़ास पहचान बना चुकी हैं. बीते दिनों उनकी फिल्म ‘शेरनी’ रिलीज हुई थी जिसे मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला था.

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