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शिव की शरण में केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंदिर में की पूजा अर्चना: PICS

आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल पर गए PM मोदी, प्रतिमा का किया अनावरण

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान शिव के शरण में केदारनाथ पहुंचे। केदारनाथ में प्रधानमंत्री ने भगवान शिव की पूजा अर्चना की। इसके बाद आदिगुरु शंकराचार्य जी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वहां कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।

केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान भोले की पूजा की। वहां गर्भ गृह में लगभग 15 मिनट तक प्रधानमंत्री ने पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर की परिक्रमा भी की । प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ पहुंचकर बाघाम्बर वस्त्र चढ़ाए। यहां पर उन्होंने षोडसो पूजन किया। मंदिर में दूध, दही और शहद के साथ भव्य और दिव्य पूजन किया गया। आपको बता दें कि पीएम मोदी बाबा केदार के बड़े भक्त हैं। वह यहां पर प्रत्येक वर्ष आते हैं लेकिन पिछले साल कोरोना महामारी के कारण वह यहां नहीं पहुंच सके थे।


केदारनाथ में पूजा अर्चना के बाद प्रधानमंत्री आदिगुरु शंकराचार्य जी महाराज के समाधि स्थल पर पहुंचे। समाधि स्थल पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिगुरु शंकराचार्य जी का हाल ही में बने प्रतिमा का अनावरण किया। आदि गुरु शंकराचार्य जी महाराज की प्रतिमा का वजन 35 टन है, वहीं इसकी 12 फुट है। आपको बता दें कि 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी में शंकराचार्य जी की प्रतिमा खंडित हो गई थी। जिसके बाद 2020 में इस नई मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हुआ जो बनकर 2021 में पूर्ण हुआ। जिसे आज प्रधानमंत्री ने लोगों को श्रद्धालुओं के लिए अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कुछ समय तक ध्यान भी लगाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से शुरू हो रहे कई प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास भी किया। पीएम मोदी ने ढाई सौ करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी किया।

प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में संतो और श्रद्धालुओं को संबोधित भी किया। Narendra Modi ने अपने उद्बोधन की शुरुआत जय बाबा केदार से की। प्रधानमंत्री ने अपने इस संबोधन में 2013 में केदारनाथ में आई त्रासदी को भी याद किया। केदारनाथ त्रासदी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और अपने आप को रोक नहीं पाया था। मैं यहां दौड़ा चला आया था। मैंने अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था, उस दर्द को सहा था।


जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यह विकास कार्य ईश्वर की से कृपा से हुआ।’  नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कहा जाता था कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती। मैंने यह तय किया कि यहां का पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड से पलायन को रोकना है। अगला दशक उत्तराखंड का है। यहां पर्यटन काफी बढ़ने वाला है।’

  • पीएम मोदी ने आस्था से जुड़े धर्म स्थलों पर बल देते हुए कहा कि ‘तीर्थस्थलों की यात्रा, सिर्फ सैर-सपाटा नहीं। यह भारत का दर्शन कराने वाली जीवंत परंपरा है।’

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