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लखीमपुर खीरी: राकेश टिकैत को आई कांग्रेस की याद, कहा- अगर कांग्रेस होती तो ऐसी-तैसी न होती.’

राकेश टिकैत बीते करीब 10 माह से जारी किसान आंदोलन के बीच किसानों का बड़ा चेहरा उभरकर सामने आए हैं. राकेश टिकैत ने इस बीच अपनी अच्छी-ख़ासी पकड़ बना ली है और वे एक बड़े किसान नेता के रूप में देखें जा रहे हैं. 52 वर्षीय राकेश टिकैत अब अक्सर अपने राजनीतिक बयानों को लेकर भी सुर्ख़ियों में बने रहते हैं.

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शुरुआत में जहां राकेश टिकैत केंद्र सरकार को कृषि कानूनों के चलते घेरते रहते थे तो वहीं समय बढ़ने और बदलने के साथ उन्होंने अलग अंदाज अपनाना शुरू कर दिया है. राकेश अब एक किसान नेता न होकर एक राजनेता की तरह भारतीय जनता पार्टी पर हमले करते हुए देखें जाते हैं. वहीं अब उन्होंने कांग्रस पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है.

Rakesh Tikait

दरअसल, बीते दिनों लखीमपुर खीरी की हिंसा देशभर में चर्चा में रही थी और अब भी इस मामले में बवाल जारी है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं किसान आमने-सामने हो गए थे जहां कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी.

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फिलहाल इस मामले में मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पुलिस की गिरफ्त में है और उन्हें शनिवार को 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. इसी मामले पर राकेश टिकैत ने एक साक्षात्कार में चर्चा की और कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया है.

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दरअसल, साक्षात्कार में राकेश टिकैत से यह सवाल किया गया था कि, ‘आपको कांग्रेस का एजेंट कहा जाता है?’ इस पर टिकैत सकपका गए और उन्होंने जवाब में कांग्रेस का समर्थन किया और उसका पक्ष लेते हुए कहा कि, ‘अगर कांग्रेस होती तो ये ऐसी तैसी न होती और अब देश में विपक्ष नहीं रहा. केस निपट गया.’

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आगे राकेश से सवाल किया गया कि, ‘वही लोग कह रहे हैं कि आप लखीमपुर खीरी में बीजेपी के एजेंट बन गए, आपने ही किसानों से समझौता कराया.’ इस पर किसा नेता ने कहा कि, ‘देश को आग लगने से बचा लिया. कौन लोग यह कह रहे हैं कि डेड बॉडी रखकर पांच दिन तक उसपर समझौता ना करो. अपने परिवार के दो दिन रखकर दिखा दें वे.’

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किसान नेता ने अपनी बात जारी रखते हुए लखीमपुर खीरी में हुए समझौते पर कहा कि, ‘अंतिम संस्कार तक, समझौता हुआ है लड़के की गिरफ्तारी पर. समझौता हुआ है जो एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें इनका गृह राज्य मंत्री 120 बी का मुजरिम है, उसका इस्तीफा, उसको पकड़ें, उसको जेल में डालें और दोनों को पांच दिन के रिमांड पर लें. तब ये बताएंगे कि गैंग में कौन-कौन शामिल थे.’

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