बॉलीवुड

कई महीनों तक पुलिस के डर से इधर-उधर भागते-छिपते रहे थे मिथुन, भाई की मौत ने बदल दी थी ज़िंदगी

साल 1976 में फ़िल्म ‘मृगया’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले दिग्गज़ अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को पहली ही फिल्म के लिए फिल्मफेयर के बेस्ट एक्टर के ख़िताब से नवाजा गया था. इसके बाद मिथुन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे फ़िल्मी दुनिया में लगातार सफ़लता की सीढ़िया चढ़ते गए.

mithun chakraborty

फ़िल्मी दुनिया में अच्छा ख़ासा नाम कमाने के बाद मिथुन दा ने राजनीति में भी कदम रखा जबकि छोटे पर्दे पर डांस पर आधारित रियलिटी शो में भी वे देखने को मिले. अब फिल्मों में मिथुन दा कम ही नज़र आते हैं हालांकि उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. लेकिन क्या आपको यह पता है कि फिल्मों में काम करने से पहले मिथुन एक नक्सलवादी थे और एक समय ऐसा था जब कई महीनों तक उन्हें पुलिस ढूंढती रही थी और वे अंडरग्राउंड रहे थे.

mithun chakraborty

बता दें कि कभी मिथुन दा नक्सल आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता थे. यह सब उनके फ़िल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले की बातें है. गौरतलब है कि मिथुन अपने करीबी रहे चारू मजुमदार से काफी प्रभावित थे. चारु ने नक्सल मूवमेंट की शुरुआत की थी और देखते ही देखते मिथुन भी इसमें शामिल हो गए.

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नक्सल मूवमेंट में बाद में हिंसा हुई तो पुलिस ने लोगों को खदेड़ना शुरु किया. पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए कई लोग अंडरग्राउंड हो गए. मिथुन का भी यही हाल था. वे पुलिस से बचने के लिए कई महीनों तक छिपे-छिपाते रहे. इस घटना के बारे में वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई अपनी किताब ‘नेता अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में लिखा है कि,’ नक्सलियों पर पुलिसिया कार्रवाई की वजह से मिथुन अंडरग्राउंड हो गए और लंबे समय तक छिपते रहे.’

भाई की मौत ने बदल दी मिथुन की ज़िंदगी…

बताया जाता है कि इसी बीच मिथुन दा अपने भाई को खो चुके थे. उनके भाई की मौत हो गई और उन्हें बड़ा सदमा लगा. ऐसे में मिथुन का नक्सल आंदोलन से मोहभंग हो गया और वे अपने घर-परिवार के बीच में वापस लौट आए.

मिथुन ने फिर फिल्मों में काम करने का मन बनाया और उन्होंने पुणे के फ़िल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में दाखिला लिया. यहां उन्होंने अभिनय की बारीकियां सीखी और फिर आ गए ‘सपनों के शहर’ मुंबई में.

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मिथुन ने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दी और ख़ास बात यह है कि बड़े पर्दे पर भी वे नक्सली के रोल में नज़र आ चुके हैं. मिथुन ने नक्सल मूवमेंट पर बनी ‘द नक्सलाइट’ नाम की फ़िल्म में काम किया था. फ़िल्म तो फ्लॉप रही थी हालांकि मिथुन अपने काम से दर्शकों का मनोरंजन करने में सफ़ल रहे थे.

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