राजनीति

टुकड़े टुकड़े गैंग वाले कन्हैया कुमार ने की राहुल गांधी की तारीफ़, बताया दयालु निर्भीक नेता

पहले जिस वंशबाद से आज़ादी का नारा दिया उसी बंश में मुलाज़िम हुए कन्हैया कुमार

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से उभरे कन्हैया कुमार बीते दिनों कांग्रेस में शामिल हो गए। जिसके बाद उसको लेकर उन पर सवाल भी उठे और आलोचना भी हुई। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाए हैं। ऐसे में कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी की वकालत की है और उन्हें ईमानदार शख्स करार दिया है।

KANHAIYA KUMAR

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को “नाथूराम-बनाई जोड़ी” कहते हुए कन्हैया ने कहा कि बीजेपी की विचारधारा खुलेआम महात्मा गांधी के खिलाफ है। इतना ही नहीं कन्हैया ने कांग्रेस के सवाल पर कहा कि कई अन्य युवाओं की तरह, मुझे लगता है कि देर हो रही है। जिस पार्टी के पास देश के लिए आजादी जीतने की विरासत है, उस आजादी को बचाने के लिए, उस पार्टी को सबसे मजबूत होना चाहिए। वहीं बीजेपी में नेताओं के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि जो केवल अपने राजनीतिक करियर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वे बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।

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इतना ही नहीं कन्हैया कुमार ने कांग्रेस नेतृत्व का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना से भाजपा को मदद मिलती है… हर कोई समझता है कि जब देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस है, तो कांग्रेस जितनी सफल होगी, भाजपा को उतनी ही बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा।

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वहीं कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि अन्य सभी विपक्षी दल क्षेत्रीय दल हैं। राष्ट्रीय लेवल पर कांग्रेस एकमात्र विपक्षी ताकत है। इसमें हमेशा क्षमता थी। भाजपा पूरी तरह से पराजित हो सकती है। अगर मुझे नहीं लगता कि उन्हें हराया जा सकता है, तो मैंने लड़ाई छोड़ दी होती।

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इसके अलावा राहुल गांधी के सवाल पर जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि, “राहुल गांधी के साथ बातचीत में मुझे महसूस हुआ कि वह एक दयालु नेता हैं। हमेशा मुझसे मेरी मां और मेरे पिता के स्वास्थ्य के बारे में पूछते हैं। मैं वास्तव में उनके बारे में सराहना करता हूं। ये गुण मुझे आकर्षित करते हैं। वह ईमानदार हैं उनकी लड़ाई में ईमानदारी है। वह एक निडर नेता हैं जो चाहते हैं कि सच्चाई की जीत हो।”


आख़िर में जानकारी के लिए बता दें कि 28 सितंबर को कन्हैया ने सीपीआई छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कन्हैया सीपीआई के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि वो सीट जीतने में असफल रहे थे और अब देश बचाने के लिए कांग्रेस के साथ आ गए है। ऐसे में भविष्य यह तय करेगा कि देश बचाने के लिए कन्हैया कांग्रेस के हुए या अपना राजनीतिक वजूद।

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