राजनीतिसमाचार

किसान महापंचायत में राकेश टिकैत लगाते रहें अल्लाह- हू- अकबर का नारा

रविवार का दिन था और मुजफ्फरनगर के एक सरकारी इंटर कॉलेज का मैदान। जी हां यह वही दिन और स्थान है, जहां बुलाई तो गई किसान महापंचायत थी। जिसका उद्देश्य नए कृषि कानूनों का विरोध करना था, लेकिन जल्‍द ही इसने राजनीतिक मोड़ ले लिया। बता दें कि उसके बाद केंद्र और राज्‍य में सत्‍ताधारी बीजेपी को निशाना बनाकर खूब हमले किए गए ।

इस दौरान तथाकथित किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से कहा कि, “देश में ऐसी सरकारें हैं जो दंगे करवाती हैं। वो बांटेंगे, हम एक होंगे।” इतना ही नहीं इस दौरान टिकैत ने यह भी कहा कि, “केंद्र सरकार ने संदेश दिया है कि भारत बिक रहा है- चाहे वह देश के एयरपोर्ट्स हों, पोर्ट्स या हो फिर जमीन। देश में 14 करोड़ बेरोजगार लोग हैं और वे किसानों के आंदोलन को आगे ले जा रहे हैं।”

Rakesh Tikait

सीधे शब्दों में कहें तो टिकैत मंच से बीजेपी को ललकार रहे थे और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए टिकैत ने कहा कि मोदी को यूपी नहीं, गुजरात से चुनाव लड़ना चाहिए। वहां वे हार जाएंगे क्‍योंकि बीजेपी ने गुजरात को बर्बाद कर दिया है। वह एक ‘पुलिस स्‍टेट’ बन गया है। इतना ही नहीं इस किसान महापंचायत से एक चर्चा का बिंदु जो निकलकर आया। वह इसी दौरान राकेश टिकैत द्वारा ‘अल्लाह-हू-अकबर’ का नारा लगाना रहा।

बता दें कि ‘अल्लाह-हू-अकबर’ वाले नारे को लेकर अब राकेश टिकैत को एक आम मुसलमान ने संदेश दिया है। जी हां ये संदेश अब सोशल मीडिया पर वायरल है और इसे प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने भी शेयर किया है। बता दें कि अपने ट्वीट में शलभ मणि त्रिपाठी मुस्लिम व्यक्ति की बातों के मुख्य बिंदु उजागर करते हैं। वह लिखते हैं कि, “हमें 113 मस्जिदें दो। मुजफ्फरनगर दंगों के लिए सभी जाटों की तरफ से माफी माँगो। तुम अल्लाह-हू-अकबर बोलो, हम हर हर महादेव कभी नहीं बोलेंगे!”


गौरतलब हो कि वायरल वीडियो के मुताबिक पश्चिमी यूपी का एक आम मुसलमान राकेश टिकैत को संदेश दे रहा है। वह कहता है कि, “अल्लाह-हू-अकबर कह देने से राकेश टिकैत के गुनाह नहीं धुलेंगे। अल्लाह-हू-अकबर कहने से न ही उनकी तौबा कबूल होगी। अगर राकेश टिकैत को मुसलमानों से आगे हाथ बढ़ाना है तो सबसे पहले जो 113 मस्जिदें वीरान है हमारे जनपद की, जो 2013 के दंगों में किसान यूनियन के लोगों ने वीरान की थी, पहले उन मस्जिदों को आजाद कराएँ। उसके बाद आपका अल्लाह-हू-अकबर कहना जायज है।”


इतना ही नहीं, वह कहता है कि, “अल्लाह-हू-अकबर कहने से अल्लाह ताला माफ नहीं करेंगे। आपको वो बच्चे माफ नहीं करेंगे जिनके साथ किसान यूनियन के लोगों ने बलात्कार किया। वो बेसहारा, यतीम बच्चे आपको माफ नहीं करेंगे। जमीयत उलेमा ए हिंद के लोगों ने उन्हें मकान दिया। आज भी उनके आँसू आप नहीं धो सकते अल्लाह-हू-अकबर कहने से। ये सब झूठ है, ढकोसला है। आप अल्लाह-हू-अकबर कहते रहें हम हर हर महादेव नहीं कहेंगे। हमारा ईमान अल्लाह-हू-अकबर पर है, ला इलाहा इल्लल्लाह पर है। आपके अल्लाह-हू-अकबर कहने से आप चाहते हैं मुसलमान आपको माफ कर देगा…नहीं करेगा। अगर आपको लगता है मुसलमान आपको माफ कर देगा तो बताइए कितने मुसलमान आपके साथ है, जमीयत उलेमा ए हिंद के लोग आपके साथ हैं?”


आख़िर में गौर करने वाली बात यह है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने बीते रविवार को किसान मोर्चा की महापंचायत में भीड़ से अल्लाह-हू-अकबर और हर-हर महादेव के नारे भी लगवाए थे। उन्होंने कहा था कि, ”यूपी की जमीन को दंगा करवाने वालों को नहीं देंगे।” इतना ही नहीं राकेश टिकैत ने यह भी कहा था कि जब भारत सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जाएँगे। जब तक सरकार हमारी माँगे पूरी नहीं करती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। आजादी के लिए संघर्ष 90 साल तक चला, इसलिए मुझे नहीं पता कि यह आंदोलन कब तक चलेगा।

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