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एक गलती ने एक झटके में खत्म कर दिए 2 हंसते खेलते परिवार, बच्चों की हालत देख पुलिस भी रो पड़ी

जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। कब किसे क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। कभी कभी मौत का ऐसा खेल भी देखने को मिलता है कि रूह तक कांप जाती है। परिवार का कोई सदस्य जब अचानक चला जाता है तो बहुत दुख होता है। लेकिन जब एक ही परिवार के कई सदस्यों की एकसाथ मौत हो जाए तो ये देख हर कोई उदास हो जाता है। आंखों में आँसू ला देने वाला ऐसा ही एक मार्मिक पल गाजियाबाद में मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर देखने को मिला।

दरअसल गाजियाबाद के मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर एक भीषण सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में पाँच लोगों की मौत हो गई। एक ही पल में हँसता खेलता परिवार तबाह हो गया। इस कार हादसे में बच्चे भी शामिल थे। इन बच्चों की छटपटाहट देख राहगीरों और पुलिस की आंखें भी नं हो गई। दुख की बात ये थी कि इस हादसे में कार चालक की कोई भी गलती नहीं थी, सारा कसूर सामने से आ रहे एक ट्रक चालक का था। उसकी एक गलती ने दो परिवार खत्म कर दिए।

यह हादसा सोमवार को हुआ। कार में दो परिवार के 7 लोग सवार थे। कार अच्छे से सड़क पर चल रही थी, लेकिन तभी सामने से गलत दिशा में चलता हुआ एक मिनी ट्रक आ गया। इस ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। ये टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक महिला और एक चार साल के बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है। ये दोनों अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

कार हादसे के शिकार दोनों ही परिवार गाजियाबाद जिले के रहने वाले थे। इनमें आशीष मकनपुर गांव के रहने वाले थे। वह अपने साढ़ू के परिवार के साथ बेटे का मुंडन करवा कर खुशी खुशी हरिद्वार से घर लौट रहे थे। हालांकि रास्ते में ही उनकी खुशियों को किसी की नजर लग गई और ये हादसा हो गया।

उधर जब परिवार के अन्य सदस्यों को हादसे की जानकारी मिली तो कोहराम मच गया। वे रोते बिलखते वहाँ पहुंचे और परिजनों के शव लिए। पुलिस भी मौके पर आई और उन्होंने तत्परता दिखाते हुए उस ट्रक को पकड़ लिया। पुलिस को वह भोजपुर थाना क्षेत्र में मिला। इस मामले की जानकारी देते हुए मसूरी थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मिनी ट्रक चालक का नाम बबलू है। वह रास्ता भटक गया था जिसके चलते उसने गलत दिशा में गाड़ी मौड़ ली थी। उसकी रफ्तार बहुत तेज थी जिसके चलते यह हादसा हो गया।

ट्रक ड्राइवर की एक गलती की वजह से दो परिवार उजड़ गए। यदि वह ट्रक को गलत दिशा में नहीं लाता या तेज रफ्तार में नहीं चलता तो आज 5 जिंदगियाँ बच सकती थी। पुलिस ने मृतकों की पहचान आशीष (33) पत्नी शिल्पी (30) मासूम बेटा देव सिन्हा (1) के रूप में की है। वहीं लखनऊ के रहने वाले दूसरे परिवार में सोनू (35) बेटी परी उर्फ काव्या (11) भी मृतकों में शामिल हैं। उधर सोनू की पत्नी निधि और आशीष की बेटी शिवि गंभीर अवस्था में घायल हैं।

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