अध्यात्म

Hartalika Teej: हरतालिका व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां, जाने पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कई प्रकार के व्रत होते हैं। हर व्रत का अपना एक अलग महत्व होता है। कुछ व्रत ऐसे भी होते हैं जिन्हें सुहागिन महिलाएं अपने पति की सलामती और लंबी आयु के लिए रखती है। मान्यता है कि इस तरह के व्रतों को रखने से पति की सेहत अच्छी रहती है और वह अधिक वर्षों तक जीता है। ऐसा ही एक व्रत है हरतालिका तीज।

सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है हरतालिता तीज

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हरतालिका व्रत या हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस व्रत के दौरान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस वर्ष सितंबर माह में हरतालिका तीज मनाया जा रहा है। ऐसे में अभी से बहुत सी सुहागिन महिलाओं ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। आज हम आपको हरतालिका तीज करने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कुछ अन्य बातें बताने जा रहे हैं।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त

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हिंदू पंचांग की माने तो इस वर्ष हरतालिका तीज के दो दिन शुभ मुहूर्त है। यह शुभ मुहूर्त 8 सितंबर (बुधवार) देर रात 2 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और 9 सितंबर की रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो ये सुबह 6 बजकर 3 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। वहीं प्रदोष काल शाम 6 बजकर 33 मिनट से रात्रि 8 बजकर 51 मिनट तक चलेगा।

हरतालिका पूजा विधि

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आपको हरतालिका तीज की पूजा प्रदोषकाल में करनी चाहिए। इस दिन आप सुबह जल्दी उठ जाए और फिर स्नान कर लें। इस दिन नए वस्त्र धारण करें। इसके बाद आप व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। इस दिन पूजा स्थल की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। हरतालिका तीज वाले दिन भगवान शिव, मां पार्वती और गणेशजी की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान को पुष्प, धूप और फल अर्पित करना चाहिए। शाम के समय व्रत कथा सुने एवं अगले दिन सुबह व्रत का पालन करें। ऐसा करने से आपके पति की आयु लंबी रहेगी और उनकी सेहत पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।

इन बातों का भी रखें ख्याल

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हरतालिका तीज के व्रत में कुछ खास गलतियों को करने से बचना चाहिए। इन गलतियों को करने पर अगले जन्म में सजा भुगतनी पड़ती है।

1. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला और निराहार किया जाना चाहिए। इस दिन फल लेने पर अगले जन्म में वानर का रूप मिलता है।

2. एक बार हरतालिका व्रत शुरू करने के बाद उसे कभी छोड़ना नहीं चाहिए।

3. इस व्रत में जल पीने की भी मनाही होती है। यदि पी लें तो अगले जन्म में मछली बनते हैं।

4. हरतालिका तीज के व्रत वाले दिन भूलकर भी महिलाओं को क्रोध नहीं करना चाहिए।

5. इस दिन महिलाओं को बड़े बूढ़ों के मान सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें कोई अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।

6. इस दिन पति या किसी अन्य व्यक्ति से झगड़ा नहीं करना चाहिए।

7. सी व्रत में रात भर जागरण किया जाता है, सोने की मनाही होती है। इसका पालन न करने पर अगला जन्म अजगर का होता है।

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