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पुनर्जन्म कहानी: मौत के 8 साल बाद घर लौटा चंद्रवीर, माता-पिता से मिल भावुक हुआ बच्चा

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से पुनर्जन्म का एक मामला सामने आया है। यहां पर एक आठ वर्ष के लड़के ने दावा किया है कि उसका पुनर्जन्म हुआ है। बच्चे के इस दावे पर पहले किसी को यकीन नहीं हुआ। हालांकि जब इस बच्चे ने अपने पुराने माता-पिता को देखते ही उनके पैर छूए। तो हर कोई दंग रह गया। दरअसल मैनपुरी के औंछा क्षेत्र में आठ वर्ष पहले नहर में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। वहीं अब ये बच्चा वापस से अपने गांव में नया जन्म लेकर आया है। पुनर्जन्म दावा करने वाले बच्चे का नाम चंद्रवीर है।

खबर के अनुसार नगला सलेही गांव से करीब चार किलोमीटर दूर अमर सिंह निवासी रामनरेश शंखवार अपने आठ वर्षीय पुत्र चंद्रवीर को लेकर प्रमोद कुमार के घर के बाहर पहुंचे थे। उस समय प्रमोद और उनकी पत्नी ऊषा घर में नहीं थे। कुछ देर तक इन्होंने उनके लौटने का इंतजार किया।

वहीं प्रमोद और ऊषा जब अपने घर आए तो चंद्रवीर ने मम्मी-पापा कहते हुए दोनों के पैर छुए। उसने जब बताया कि वो उनका बेटा रोहित है तो दंपती हैरान रह गए। जिस बेटे का अंतिम संस्कार उन्होंने आठ साल पहले खुद किया था। वही बेटा उनके सामने आकर खड़ा हो गया। चंद्रवीर ने अपने माता पिता को बताया कि ये उसका दूसरा जन्म है। ये बात सुनते ही माता-पिता ने उसे गले लगा लिया।

थोड़ी देर में ही रोहित के दोबारा जन्म लेने की बात गांव में फेल गई। जिसके बाद प्रमोद कुमार के घर में गांव वालों की भीड़ लग गई। वहां आए  प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र यादव को देखते ही चंद्रवीर ने गुरुजी कहते हुए उनके पैर छू लिए। इतना ही नहीं, चंद्रवीर ने गांव के अन्य लोगों को भी पहचान उनके नाम बताए। उसने विद्यालय पहुंचकर अपना क्लास रूम भी पहचान लिया।

पिता रामनरेश ने बताया कि चंद्रवीर का जन्म 30 जून 2013 को हुआ था। दो वर्ष की उम्र में ही वह बोलने लगा। वो तभी नगला सलेही का नाम लेने लगा था। छह वर्ष की उम्र में चंद्रवीर नगला सलेही जाने की जिद की। जिद करते हुए वो अक्सर अपने पूर्व जन्म की घटना सुनाता था। जिसके बाद उसके पिता उसे नगला सलेही ले आए। वहीं अब कुछ दिनों के लिए चंद्रवीर अपने पूर्व जन्म के माता-पिता के साथ उनके घर में रूका है।

दरअसल प्रमोद और पत्नी भी चंद्रवीर को कुछ दिन अपने साथ रखना चाहती थीं, लेकिन चंद्रवीर के पिता रामनरेश इसके लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में गांव के समझाने पर रामनरेश मान गए और वादा किया कि वो बेटे को समय-समय पर यहां लाते रहेंगे।

साल 2013 में हुई थी मौत

प्रमोद और उनकी पत्नी ऊषा के बेटे रोहित की मौत चार मई 2013 को हुई थी। नगला सलेही निवासी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का पुत्र रोहित उस समय 13 वर्ष का था। ये गांव के बच्चों के साथ नहर में नहाने गया था। तभी डूबने से उसकी मौत हो गई थी।  आपको बता दें कि पुनर्जन्म की खबर इन दिनों मैनपुरी में खूब चर्चा का विषय बनीं हुई है।

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