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भाई की कलाई पर राखी बांधने के पहले ही दुनिया छोड़ गई 5 साल की बच्ची, फिर भाई की भी हुई मौत

नए कपड़े का नाप देकर आ रहे थे भाई-बहन, रास्ते में हुआ कुछ ऐसा कि..

22 अगस्त को पूरे देश में रक्षाबंधन का त्यौहार में धूमधाम से मनाया गया। इस खास दिन सभी भाई बहन एक्टिव दिखाई दिए। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के अवसर पर हर घर में खुशी का माहौल नजर आया। बहने अपने प्यारे भैया के लिए सुंदर सुंदर राखी लाई। वहीं भाइयों ने अपनी बहनों को कपड़े, चॉकलेट, पैसे सहित कई गिफ्ट्स दिए। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के लिए बड़ा ही खास माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है। इस दौरान भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। वहीं बहन भी भाई की लंबी उम्र की कामना करती है।

raksha bandhan

लेकिन राजस्थान के बीकानेर जिले में रक्षाबंधन के एक दिन पहले भाई बहन की जोड़ी के साथ ऐसी घटना घटित हो गई कि परिवार में खुशियों की चहल की बजाय मातम और चीख पुकार की गूंज पसर गई। राखी मनाने से पहले ही चचेरे भाई बहन भगवान के पास चले गए। मौत के कुछ घंटों पहले ही दोनों ने दर्जी के पास अपने नए कपड़े सिलवाने का नाप दिया था। रास्ते में दोनों ने आखिरी बार नमकीन का पैकेट भी खाया था। लेकिन फिर एक ऐसा हादसा हुआ कि पलभर में एक परिवार के दो चिराग बुझ गए।

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दरअसल ये पूरा मामला बीकानेर जिले की आरजेडी नहर का बताया जा रहा है। यहां शनिवार शाम को 11 साल का भाई और उसकी 5 साल की चचेरी बहन दर्जी के पास अपने नए कपड़ों का नाप देने गए थे। यहां से लौटते समय दोनों ने एक दुकान से नमकीन का पैकेट लिया। वे इसे खाते खाते घर आ रहे थे, लेकिन तभी दोनों को प्यास लगी। ऐसे में वे दोनों पानी पीने के लिए नहर में उतर गए। इस दौरान दोनों का पैर फिसल गया और वे नहर में डूब गए।

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राहगीरों ने जब ये नजारा देखा तो उन्होंने इसकी सूचना परिजनों को दी। परिजन रोते बिलखते नहर की ओर दौड़े लेकिन बच्चों का कोई पता नहीं चला। फिर पुलिस को सूचना दी गई और बच्चों की तलाश शुरू हुई। देर रात को बच्चे का शव मिला लेकिन बच्ची का कहीं कोई पता नहीं चल सका। फिलहाल बच्ची की तलाश भी जारी है।

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उधर गांव में दो छोटे भाई बहनों के अचानक चले जाने से मातम छाया हुआ है। माता पिता का रो रोकर बुरा हाल है। उन्हें क्या पता था कि उनके घर के दो लाडले बच्चे राखी मनाने से पहले ही दुनिया छोड़ चले जाएंगे। यदि दोनों जिंदा होते तो राखी का त्यौहार मानते। बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा न हो सका।

उधर गांव में कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हमे बच्चों को इस तरह अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। उनका हर पल ख्याल रखना चाहिए। मुसीबत न्योता देकर नहीं आती है। इसलिए थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत होती है। हमारी भी आपको यही सलाह है कि अपने बच्चों को बिना किसी बड़े की निगरानी के ज्यादा दूर अकेले न भेजे। घर में भी उन पर नजर बनाए रखे। वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है?

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