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अमिताभ-श्रीदेवी ने अफगानिस्तान में की थी इस फिल्म की शूटिंग, हर समय रहता था फाइटर जेट्स का साया

पूरी दुनिया में इन दिनों एक छोटा सा देश अफगानिस्तान चर्चाओं में बना हुआ हैं. अफगानिस्तान बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है. राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग चुके हैं. वहां के लोग दूसरे देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लोग अपना देश छोड़कर विदेश भाग रहे हैं. जहां देखो वहां मौत खड़ी है. तालिबान ने अफगानिस्तान को बर्बाद कर दिया है. हर ओर अफरा-तफरी का माहौल है और लोगों में ख़ौफ़ है.

afghanistan

अफगानिस्तान के लोग अपनी जान बचाकर यहां वहां भाग रहे हैं. उनकी मदद के लिए कई देश आगे भी आए है. हालांकि अफ़गानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार रही श्रीदेवी की एक फिल्म की शूटिंग हुई थी.

afghanistan taliban

अमिताभ बच्चन और दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी की उस फिल्म का नाम है ‘खुदा गवाह’. यह फिल्म साल 1992 में प्रदर्शित हुई थी. इसमें अमिताभ बच्चन ने बादशाह खान और श्रीदेवी ने बेनाजीर की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म के निर्माता नजीर अहमद और मनोज देसाई थे. ‘खुदा गवाह’ में डैनी डेंगजोंग्पा, नागार्जुन और शिल्पा शिरोडकर भी अहम रोल में थे.

amitabh and sridevi

आज जब अफ़गानिस्तान की हालत खस्ता हो गई है तो ऐसे में वहां पर शूट हुई इस फिल्म का भी ख़ूब जिक्र हो रहा है. बता दें कि, 90 के दशक की शुरुआत में यह फिल्म भी दहशत और ख़ौफ़ के बीच शूट हुई थी. हर दम अमिताभ बच्चन और फिल्म की पूरी टीम पर जान का खतरा बना रहता था.

amitabh and sridevi

हालांकि अमिताभ बच्चन तो ठहरे अमिताभ बच्चन. उनके फैन तो उस समय अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति रहे नजीबुल्ला अहमदजई भी थे. हालांकि साल 1996 में तालिबान ने बड़ी क्रूरता के साथ नजीबुल्ला अहमदजई को मौत के घाट उतार दिया था. जब नजीबुल्ला को अमिताभ के अफ़गानिस्तान में अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए आने की जानकारी मिली तो उन्होंने बिग बी का स्वागत किया और अपने निजी मेहमान की तरह नजीबुल्लान ने अमिताभ बच्चन की खातिरदारी की थी.

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बता दें कि, उस समय भी अफ़गानिस्तान की हालत थी-ठाक नहीं थी. तालिबान का साया तब भी अफ़गानिस्तान पर था और ऐसे हालातों में शूटिंग करना उचित नहीं था. हालांकि फिल्म की शूटिंग वहां पूरी हुई और नजीबुल्लान ने अमिताभ बच्चन एवं फिल्म की पूरी टीम को कड़ी सुरक्षा मुहैया करवाई थी.

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बता दें कि, खुदा गवाह को अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ के इलाके में फिल्माया गया था. कुछ सालों पहले बिग बी ने इस फिल्म की शूटिंग से जुड़े अनुभव को अपने ब्लॉग पर साझा किया था. उन्होंने लिखा था कि,  “मुझे नहीं पता कि अब मेरे मेजबान कहां है? अक्सर मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि वे कहां होंगे?” बिग बी और पूरी टीम ने उस समय बड़ी मुश्किलों में और दहशत के बीच शूटिंग की थी. अमिताभ के लिए नजीबुल्ला ने लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले सैन्य हेलीकॉप्टर और अपना निजी सुरक्षा दस्ता तक तैनात करवा दिया था.

khuda gawah

अमिताभ बच्चन शूटिंग से जुड़े हुए अनुभव को लेकर आगे लिखते हैं कि, “सोवियत के लोग देश छोड़कर जा चुके थे और सत्ता आ चुकी थी नजीबुल्ला अहमदजई के हाथों जो खुद लोकप्रिय हिंदी सिनेमा के बड़े वाले प्रशंसक थे. वह मुझसे मिलना चाहते थे और हमारा आदर सत्कार बिल्कुल शाही अंदाज में हुआ. हमारा मजार ए शरीफ में वीवीआईपी स्वागत हुआ और हमने उस बेहद खूबसूरत देश को एयरफोर्स के जहाजों के साये में करीब करीब पूरा मथ डाला था. हमें कहा गया कि हम होटल में नहीं रुकेगें. हमारे लिए किसी ने अपना पूरा महल खाली कर दिया और जब तक हम रहे वह पास में ही किसी दूसरे घर में रहता रहा.”

amitabh bachchan

अफगानिस्तान के कई इलाकों में उस समय केवल घोड़ों की मदद से ही जाया जाता था. अमिताभ बच्चन और पूरी टीम को पहले तो छोटे छोटे हवाई जहाजों से नेपाल की सीमा तक लाया जाता था इसके बाद सभी को घोड़ों की पीठ पर शूटिंग लोकेशन तक पहुंचाया जाता था. अमिताभ सहित पूरी टीम ने संकट की घड़ी में और बड़े मुश्किल हालातों में जैसे तैसे फिल्म की शूटिंग पूरी की थी. वहां आस-पास कई मिट्टी के घर भी बने हुए थे और कुछ की छत की ऊंचाई तो अमिताभ की हाईट से भी कम थी. बिग बी का सिर घर की छतों से टकरा जाता था.

अमिताभ को गोदी में उठाकर ले जाता था कबीले का सरदार…

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पूरी टीम के पास पानी पीने के लिए एक ही नल होता था. सब काम खुले में ही करना होता था. जब शूटिंग के बाद अमिताभ और पूरी टीम अपनी ठिकाने पर जाती थी तो हेलीकॉप्टर या जहाज से रुकने की जगह तक किसी को भी पैदल चलकर जाने नहीं देते थे. बिग बी को तो कबीले का सरदार गोदी में उठाकर ले जाता था. इतना ही नहीं जहां भी टीम और अमिताभ बच्चन होते थे उनके ऊपर अफगानिस्तान एयरफोर्स के फाइटर जेट्स का साया उनकी सुरक्षा के लिए रहता था.

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