बॉलीवुड

बिग बी नहीं चाहते थे राजनीति में आएं जया बच्चन, अमर सिंह ने इस रहस्य से उठाया था पर्दा…

बॉलीवुड में सिक्का जमाने मे बाद कई कलाकारों ने राजनीति में भी हाथ आजमाया, लेकिन यहां पर किसी का हाथ खाली रह गया। तो कईयों की क़िस्मत ने यहां भी साथ दिया और वह बॉलीवुड और राजनीति दोनों जगह सक्सेस रहें। उन्हीं में से एक बॉलीवुड अभिनेत्री और अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन हैं। जो राजनीति और बॉलीवुड दोनों जगह सफ़ल रही। वैसे राजनीति में हाथ तो बिग बी ने भी आजमाया था, लेकिन उनके हाथ वैसी सफ़लता राजनीति में नही लगी। जिसकी उम्मीद शायद उन्हें रही हो।

Jaya Bachchan

बता दें कि जया बच्चन समाजवादी पार्टी से राज्यसभा (rajya sabha) की सदस्य रही। राज्यसभा में उनके कई भाषण कई बार चर्चा का विषय बने तो कई बार विवादों में भी आए। कहा जाता है कि अमिताभ को जया बच्चन का राजनीति में जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। तो आइए जानते हैं इसी से जुड़ा हुआ क़िस्सा और आख़िर कैसे राजनीति की सियासी पिच साध पाई जया बच्चन…

Jaya Bachchan

बता दें कि भारतीय राजनीति में एक शख़्स ऐसा हुआ है। जिसे सियासत, सिनेमा और कॉरपोरेट की कड़ी जोड़ने वाले खिलाड़ी के रूप याद किया जाता है और यह शख़्स कोई और नहीं बल्कि अमर सिंह हैं। जिनके बारे में एक वक्त अमिताभ बच्चन ने कहा था कि अगर अमर सिंह न होते तो मैं टैक्सी चला रहा होता। वहीं मुलायम सिंह ने भी एक बार कहा था कि अमर सिंह न होते तो मैं जेल चला गया होता। सच पूछिए तो अमर सिंह एक ऐसे व्यक्ति थे। जो कईयों के लिए ढाल बनकर आगे आएं थे और अमर सिंह की वज़ह से ही जया बच्चन ने भी राजनीति में कदम रखा था।

amitabh bachchan and amar singh

गौरतलब हो कि जब अमिताभ बच्चन को इस बात की जानकारी मिली कि जया बच्चन ने अमर सिंह के कहने पर समाजवादी पार्टी ज्वाइंन कर रही है तो उन्होंने अमर सिंह को चेताते हुए कहा था कि जया अपनी बात पर कभी भी कायम नहीं रहती है। आप सोच समझकर निर्णय ले। बता दें कि इस बात का खुलासा अमर सिंह ने एक इंटरव्यू (interview) के दौरान किया था। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जया कभी भी अपनी बात पर कायम नहीं रहती है। वह जया बच्चन के राजनीति में जाने के पक्षधर नहीं थे।

Jaya Bachchan

राजनीतिक पत्रकार थे जया बच्चन के पिता…

मालूम हो जया बच्चन और मुलायम सिंह यादव (mulayam singh yadav ) की मुलाकात के सूत्रधार अमर सिंह ही थे। जब मुलायम सिंह यादव ने जया को राज्यसभा के लिए नामित किया था। जया ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके लिए सभी बाते साधारण थी। राजनीति उनके लिए कोई नई चीज नहीं थी, क्योंकि उनके पिता भी राजनीतिक पत्रकार थे। ऐसे में वह राजनीतिक बातों से सदैव घिरी रहती थी।

Jaya Bachchan

वहीं जब अमिताभ बच्चन सांसद थे तो जया अमिताभ के आफिस में भी जाया करती थी। उनके काम को भी संभालती थी। तभी से जया की राजनीतिक समझ बढऩे लगी और उन्हें यह भी आभास हो गया था कि किस तरह जनता से जुड़ा जाता है। ऐसे में धीरे-धीरे राजनीति के पिच पर जया ने अपने झंडे बुलंद कर दिए और अमिताभ का राजनीति में सूरज ढलान की तरफ़ चला गया।

Jaya Bachchan

बता दें कि एक बार जब जया से यह सवाल पूछा गया कि अमिताभ जी ने जल्द राजनीति क्यों छोड़ दी जबकि वह खुद लंबे समय से राजनीति में बनी हुई हैं? तब इसके जवाब में जया ने बताया था कि बिग बी ने भावुक होकर राजनीति ज्वाइन तो कर ली थी, लेकिन उन्हें इस बात का जल्दी ही एहसास हो गया था कि वह राजनीति नहीं कर सकते हैं।

Jaya Bachchan

इतना ही नहीं उस दौरान जया ने बताया था कि अमिताभ ने तब कहा था कि वह राजनेताओं की तरह नहीं रह सकते हैं और न ही उनकी तरह बोल सकते हैं। जया के मुताबिक अमिताभ बहुत ही निजी जिंदगी जीने वाले इंसान हैं और जब किसी शख्स को सिनेमा और जनता के बीच, दो प्रोफेशन में काम करना पड़ता है तो उसका जीवन सतह पर आ जाता है।

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