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शिवलिंग चुरा ले गए थे 6 चोर, 1-1- कर आ गयी मरने की नौबत तो पुलिस को दी ख़बर, पढ़ें अनोखी कहानी

सावन का महीना चल रहा है. भगवान शिव को यह महीना अति प्रिय है. यूं तो सालभर हिंदू शिव शंभू की पूजा अर्चना करते हैं, हालांकि सावन में इसका काफी महत्व रहता है. दुनियाभर में शिव शंभू को माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है. वहीं भारत में तो शिव जी के हजारों-लाखों मंदिर बने हुए हैं. कई मंदिर तो ऐसे है जिनका इतिहास सालों पुराना है और काफी रोचक भी है. आइए आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताते है जो कि उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में स्थित है. भगवान शिव के इस मंदिर को वनखंडेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.

kasganj vankhandeshwar shivling

मंदिर के इतिहास से संबंधित कोई पुख़्ता जानकारी यूं तो उपलब्ध नहीं है, हालांकि माना जाता है कि मंदिर सदियों पुराना है. यहां पर रहने वाले लोग कहते हैं कि यहां जो शिवलिंग स्थित है वो भागीरथ के समय का है. यहां के स्थानीय लोग अपने पूर्वजों के हवाले से कह चुके हैं कि सदियों से मंदिर यहां स्थित हैं और शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं. ख़ास बात यह है कि कासगंज के भागीरथ गुफा के समीप स्थित वनखंडेश्वर महादेव को स्थानीय लोग अपना इष्टदेव भी मानते हैं. यह शिवलिंग इसलिए भी ख़ास दिखाई पड़ता है क्योंकि इसमें एक चेहरे की आकृति बनी हुई है और शवलिंग की ऊंचाई करीब 5 फ़ीट है.

इस मंदिर का इतिहास बेहद अनोखा है.आज से लगभग 48 साल पहले कुछ चोरों को यह खबर लगी थी कि शिवलिंग के नीचे खजाना छिपा हुआ है और इसके लिए 6 चोरों ने शिवलिंग की ही चोरी कर ली थी.

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यह ख़बर आस-पास आग की तरह फैल गई कि खंडेश्वर शिवलिंग चोरी हो गया है. इसके बाद लोगों ने थाने पहुंचकर शिकायत भी दर्ज करवाई. वहीं दूसरी ओर चोरों के साथ कुछ दिनों में ही बुरा होने लगा. जिन चोरों ने यह शिवलिंग चोरी किया था वे सभी बीमार पड़ने लगे और उनकी जान तक जाने की नौबत आ गई. अपनी तबीयत बिगड़ते देख सभी चोरों ने मुकीमपुर थाने में शिवलिंग चोरी की सूचना दी. बता दें कि, पुलिस ने इस ऐतिहासिक शिवलिंग को थाने में ही स्थापित करा दिया था, लेकिन दूसरी ओर स्थानीय लोग इस शिवलिंग को वापस लाना चाहते थे. ऐसे में मामला अदालत में जा पहुंचा.

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थाने पहुंचकर लोगों ने शिवलिंग वापस मांगा लेकिन पुलिस ने इसे देने से मना कर दिया. इस स्थिति में लोगों ने अपने इष्टदेव को पुनः लाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. साथ ही लोगों ने यह प्रमाण भी दे दिया कि पहले शिवलिंग गांव में मौजूद था. कोर्ट ने लोगों की बात मान ली और शिवलिंग लोगों को सौंपने का फ़ैसला सुनाया. हालांकि अपने इष्टदेव को वापस पाने के लिए स्थानीय लोगों ने 8 लाख रूपये की जमानत देने का आदेश भी दिया था.

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शिवलिंग को वापस पाने के लिए 4 किसानों ने 2-2 लाख रूपये की धन राशि जुटाई. शिवलिंग वापस स्थानीय लोगों को सौंप दिया गया. लोगों ने शिवलिंग मंदिर में पुनर्स्थापित किया. गौरतलब है कि, इस घटना के बाद वनखंडेश्वर शिवलिंग की महिमा का खूब गुणगान हुआ और फिर पूरे देश में यह मंदिर प्रसिद्ध हो गया. लोग यहां दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं.

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