राजनीति

राज्यसभा में हंगामे का वीडियो हो रहा वायरल। लेडी मार्शल के साथ की गयी बदसलूकी

राज्यसभा में हुए हंगामे का वायरल हुआ वीडियो। आप भी देखिए आपके जनप्रतिनिधि कैसा करते हैं व्यवहार..

संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, लेकिन लोकतांत्रिक इतिहास का यह दुर्भाग्य है कि जिस संसद में जनता के मुद्दे उठना चाहिए उसे सब्जी मंडी में तब्दील कर दिया गया है। जी हां सब्जीमंडी शब्द कहीं न कहीं लोकतांत्रिक मर्यादा में शोभा नहीं देता है, लेकिन शोभा तो जनप्रतिनिधियों का वह व्यवहार भी नही देता। जैसा रुख़ वह संसद में अपनाते है। इसलिए सब्जीमंडी जैसे शब्द का प्रयोग कहीं न कहीं प्रासंगिक लगता है।

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बता दें कि संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के चलते सदन में कुछ ही घंटे काम हो पाया। एक रिपोर्ट की मानें तो, इस सत्र में संसद के दोनों सदनों में सिर्फ 22 फीसदी ही काम हो पाया। अब सोचिए जो संसद अवाम के पैसे से चलती है। वहां जनता से जुड़े कितने काम हो रहें।

गौरतलब हो कि वैसे ही साल भर में गिने-चुने दिन ही संसद सत्र का आयोजन होता। उसमे भी अगर जनता से जुड़े विषय पर काम न हो। फिर संसद का क्या निहितार्थ? इसका अंदाज़ा कोई भी सहज लगा सकता है। वहीं संसद में हुए हंगामे को लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू भावुक भी हो गए, लेकिन इन बातों का भी हमारे सियासतदानों को कोई फ़र्क नहीं पड़ता। जो चिंताजनक बात है।

commotion in parliament

गौरतलब हो कि मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में भी जमकर हंगामा बरपा और एक बार फिर उच्च सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचाया गया। विपक्ष ने जहां हंगामे के बीच यह आरोप लगाया कि मार्शलों ने महिला सांसदों से गलत व्यवहार किया तो वहीं सरकार की ओर से पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष ने असंसदीय व्यवहार किया और सेक्रटरी जनरल व स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की की गई। गुरुवार को राज्यसभा के हंगामे के कुछ वीडियो सामने आए हैं। इनमें से एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों पक्षों के बीच जारी खींचतान में महिला मार्शलों को भी नहीं बख्शा गया।


दरअसल, ओबीसी बिल पास होने के बाद बीमा बिल पर चर्चा शुरू हुई, जिसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने कहा कि आपने सिर्फ ओबीसी बिल के लिए कहा था इस दौरान चेयर की तरफ कागज फेंके गए। जिसके बाद मार्शल को बुलाया गया। विपक्ष का आरोप है कि कई सांसदों को चोटें भी आई हैं। सरकार की तरफ से पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष का असंसदीय व्यवहार रहा है, सेक्रेटरी जनरल और स्टाफ के साथ धक्का-मुक्की की गई। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शरद पवार ने लगाया यह आरोप…

एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि मैंने 55 साल की संसदीय राजनीति में आज तक ऐसा कभी नहीं देखा। 40 से 50 मार्शल बुलाकर सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। जबकि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, “विपक्ष के नेताओं ने मार्शल के साथ दुर्व्यवहार किया।”

वही केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि, आज संविधान संशोधन पर सकारात्मक चर्चा हुई। इसके बाद जिस तरह का दृश्य संसद में दिखा वह संसद की मर्यादा को तार-तार करने वाला था। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, जब व्यक्ति दिवालिया हो जाता है तो ऐसी ही हरकतें करता है।

अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुई लोकसभा की कार्यवाही…

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बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन की कार्यवाही तय समय से दो दिन पहले ही स्थगित हो गई है। ओबीसी संशोधन बिल पास होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाएगी।

वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि लोकसभा सत्र के दौरान संविधान 127 वां संशोधन विधेयक समेत कुल 20 विधेयक पारित हुए। 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए। सत्र खत्म होने के बाद स्पीकर की कस्टमरी मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई पक्ष और विपक्ष के नेता मौजूद थे।

मायावती ने संसद को लेकर कही ये बात…


इसी बीच बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने भी संसद में हंगामे को लेकर दुख जताया है। मायावती ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि संसद में ऐसा दृश्य उन्होंने कभी नहीं देखा। मायावती ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा कि, “देश की संसद व इसके उच्च सदन राज्यसभा में गत दिनों सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने अपने लम्बे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता व विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव व तीव्र विरोध आदि देखे हैं किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा है।”

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