अध्यात्म

कल शनिवार को पड़ रही है महेश नवमी, भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए करें ये काम!

कल शनिवार को भगवान शंकर की पूजा के लिए बहुत ही ख़ास दिन है, क्योंकि कल के दिन मेहश नवमी पड़ रही है। भगवन शंकर की महिमा से सभी लोग परिचित होंगे। उन्होंने दूसरों की जान बचाने के लिए विष का प्याला पी लिया था। इसी बात से पता चलता है कि वह दूसरों की भलाई के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। भगवान शंकर अपने भक्त की पुकार सुनकर उसके सभी कष्टों का निवारण कर देते हैं।

भगवान शंकर के त्रिशूल की की जाती है पूजा:

महेश नवमी के दिन भगवान शंकर के लिंग रूप की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को व्यापार में खूब लाभ मिलता है। इस दिन भगवान शंकर के ऊपर विधान पूर्वक पृथ्वी के रूप में रोट चढ़ाया जाता है। इस दिन भगवान शंकर के त्रिशूल की खासतौर पर पूजा की जाती है। पूजा करते वक़्त डमरू अवश्य बजाय जाता है। भगवान शिव का डमरू लोगों की जागृति का प्रतिक है।

धनवान बनने के लिए करें इस मंत्र का जाप:

इस दिन भगवान शंकर की पूजा कमल के फूलों से की जाती है। इस दिन भगवान शंकर के इस मंत्र का पाठ करके आप धनवान बन सकते हैं।

मंत्र:

अर्थितव्यः सदाचारः सर्वशंभुमहेश्वरः। ईश्वरः स्थाणुरीशानः सहस्त्राक्ष सहस्त्रपात्॥

भगवान शंकर के आशीर्वाद से हुआ था माहेश्वरी समुदाय का उदय:

माहेश्वरी समाज का उदय भगवान महेश अर्थात शंकर के आशीर्वाद से ही हुआ था। हालांकि महेश नवमी हर समाज और समुदाय के लोग भी श्रद्धा के अनुसार मनाते हैं, लेकिन माहेश्वरी समाज के लिए महेश नवमी का बहुत ज्यादा महत्व है। इसलिए माहेश्वरी समाज ए लोग महेश नवमी को काफी धूम-धाम से मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीनकाल में माहेश्वरी समाज, क्षत्रिय वंश था लेकिन किसी गलती की वजह से ऋषि-मुनियों श्राप दे दिया।

आज ही के दिन भगवान शंकर ने इस समाज को श्राप मुक्त किया और उन्हें अपना नाम महेश दिया। इसके बाद ही इस समाज का नाम माहेश्वरी समाज पड़ गया। ऐसा भी कहा जाता है कि इसके बाद ही इस समाज के लोगों ने क्षत्रिय कर्म का त्याग करके व्यापार के काम को अपना लिया। भगवान शंकर अपने सभी भक्तों की पुकार सुनते हैं, बस श्रद्धा से उन्हें याद करने की जरुरत है। भगवान शंकर की पूजा के लिए किसी कर्मकांड की जरुरत नहीं है, लेकिन कर्मकांडों का अपना एक अलग महत्व होता है।

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