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महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी का घर देख फूटा लोगों का गुस्सा, क्रिकेट और हॉकी में भेदभाव क्यों

भारत में क्रिकेट को लेकर लोगों की दीवानगी की कोई सीमा नहीं है। जब भी स्पोर्ट्स की बात आती है तो लोग क्रिकेट खेलना ही पसंद करते हैं। बाकी स्पोर्ट्स को कोई अहमियत नहीं दी जाती है। शायद यही वजह है कि बाकी स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों की स्थित बहुत ही दयनीय है। भारतीय महिला हॉकी टीम के खिलड़कियों को ही ले लीजिए। टोक्यो ओलंपिक 2020 में इनका प्रदर्शन शानदार रहा है। रानी रामपाल इस टीम की अगुवाई कर रही थी।

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भारतीय महिला हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल के लिए ग्रेट ब्रिटेन की टीम से मैच खेल रही थी। इस दौरान उन्होंने उन्हें कड़ी तककर दी। उनके खेल की भारत में सभी ने तारीफ की। कहा हमे देश की नारी पर गर्व है। लेकिन कड़वी सच्चाई तो ये है कि ये तारीफ कुछ पल के लिए सोशल मीडिया पर ही दिखती है। बाद में हर कोई उन्हें भूल फिर से क्रिकेट को तवज्जो देने में लग जाता है। यही वजह है कि भारतीय महिला हॉकी टीम की प्लेयर सलीमा टेटे एक कच्चे घर में रहने को मजबूर है।

दरअसल हाल ही में ‘एएनआई’ ने सलीमा टेटे के घर की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर साझा की। भारतीय हॉकी टीम की सदस्य सलीमा का कच्छ मकान देख फैंस भावुक हो गए। उनके इस घर को देखकर साफ नजर आ रहा है कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है। जो खिलाड़ी भारत की तरफ से ओलंपिक खेलों का प्रतिनिधित्व कर रहा है उसकी ऐसी हालत देख फैंस का गुस फूट पड़ा। उन्होंने सरकार को खरी-खोटी सुनाकर इस मामले पर ध्यान देने की गुहार लगाई।

बताते चलें कि भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी सलीमा टेटे झारखंड के सिमडेगा जिला के बड़की छापर गांव की रहने वाली हैं। उनकी इस खराब हालत को देख कई फैन्स हॉकी और क्रिकेट खिलाड़ियों के लाइफ स्टाइल के बीच बड़े अंतर को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। चलिए देखते हैं किसने क्या कहा।

गौरतलब है कि भारतीय महिला हॉकी टीम ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलते समय ग्रेट ब्रिटेन की टीम से 3-4 से हा गई थी। लेकिन यह पहली बार था जब टीम इंडिया ओलंपिक खेलों में सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही। ऐसे में भारत के लोग भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। लेकिन इनकी आर्थिक स्थिति सुधारने और इन्हें ज्यादा लाइम लाइट देने पर सवाल अभी भी बना हुआ है।

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