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भिंडी की सब्जी की गजब दीवानगी, नहीं मिली तो भड़क गए युवक, चला दी गोली

भिंडी की सब्जी लगभग हर किसी को पसंद होती है। खासकर होटल या ढाबे में बनी भिंडी का स्वाद ही कुछ और होता है। यदि किस दिन आपका भिंडी खाने का बहुत मन हो और आप होटल जाए, लेकिन वहाँ भिंडी न मिले तो आप क्या करेंगे? शायद मायूस हो जाएंगे और वहाँ से चले जाएंगे। या फिर भूख जोरों की लगी हो तो कोई दूसरी सब्जी ऑर्डर कर खा लेंगे। लेकिन जयपुर जिले के कोटपूतली में तीन युवकों भिंडी की सब्जी न मिलने पर इतना गुस्सा हुए कि वे मारपीट पर उतार आए। यहां तक कि उन्होंने बंदूक से फायरिंग तक कर दी। जिसने भी यह घटना सुनी वह हैरान रह गया।

दरअसल ये पूरा मामला गुरुवार देर रात 12:21 का है। यहां कोटपूतली में पूतली पावर हाउस के सामने शर्मा पवित्र भोजनालय है। गुरुवार की रात यहां 3 युवक भोजन करने आए थे। ढाबे के मालिक कमल कांत शर्मा बताते हैं कि तीनों युवकों ने वेटर से भिंडी की सब्जी लाने को कहा था। लेकिन सब्जी न होने की वजह से वेटर ने मना कर दिया और कहा कि आप कोई दूसरी सब्जी खा लो। हालांकि उन युवकों को भिंडी की सब्जी ही खाना थी।

भिंडी की सब्जी न मिलने से युवक नाराज हो गए। उन्होंने ढाबे के मालिक और नौकर के साथ मारपीट की। वहाँ की कुर्सियाँ फेंक दी और समान भी तोड़े। इसके बाद वे वहां से चले गए। लेकिन 5 मिनट बाद वह दोबारा वहाँ आए और बंदूक से फायरिंग कर दी। उनकी बंदूक से निकली गोली फ्रिज से आर पार होती हुई दीवार पर लगी। यह देख ढाबे का मालिक घबरा गया और उसने तुरंत पुलिस में सूचना दी।

सूचना मिलते ही कोटपूतली थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत घटना स्थल पर पहुंचे। उनहोए रात को ही युवकों को पकड़ने की तैयारी शुरू कर डी। इसके लिए उन्होंने सब इंस्पेक्टर जयप्रकाश, मनोज कुमार, धर्मपाल की एक टीम बनाई। इसके बाद बदमाशों की पहचान कर उन्हें शुक्रवार सुबह कोटपूतली से दबोच लिया गया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान ओमप्रकाश उर्फ ओमी (23) पुत्र धर्मपाल गुर्जर निवासी नांगल पंडितपुरा कोटपूतली जयपुर, विजय गुर्जर (19) पुत्र बलबीर निवासी मोहल्ला बडाबास वार्ड नंबर 27 कोटपूतली व सुमेर कुम्हार उर्फ कालू (20) पुत्र ख्यालीराम निवासी पावर हाउस कोटपूतली जयपुर के रूप में हुई है।

उधर सोशल मीडिया पर ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इस मामले को लेकर मजेदार कमेंट्स भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘सारी दुनिया एक तरफ, भिंडी की सब्जी एक तरफ’। फिर एक अन्य यूजर कहता है ‘भिंडी की सब्जी के प्रति ऐसी दीवानगी पहले कभी नहीं देखी। उम्मीद है कि तीनों युवकों को जेल में भिंडी की सब्जी जरूर मिल जाएगी।’ एक और कमेन्ट आता है कि ‘आज कल के युवाओं के पास धीरज नाम की चीज ही नहीं है। वे किसी भी बात को लेकर भड़क जाते हैं। हमारी नई जनरेशन किस दिशा में जा रही है।’

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? यदि आपका भिंडी खाने का बहुत मन हो और आपको वह न मिले तो आपका रिएक्शन क्या होता है? अपने जवाब कमेंट में जरूर बताएं।

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