अध्यात्म

खड़ाऊ यानि लकड़ी की चप्पल के आगे फेल है मॉडर्न फुटवियर्स, जाने इसके वैज्ञानिक लाभ

एक जमाना था जब लोग नंगे पैर ही चला करते थे। लेकिन आज के मॉडर्न जमाने में तो हम लोग घर के अंदर भी चप्पल पहनकर चलना पसंद करते हैं। वर्तमान में बाजार में आपके पैरों को आराम देने के लिए की प्रकार के फुटवियर उपलब्ध हैं। इनकी कीमत ब्रांड, मटेरियल और आराम के अनुसार कुछ सौ रुपए से लेकर हजारों तक होती है। वर्तमान समय से थोड़ा पीछे जाए तो वैदिक काल में लोग खड़ाऊ यानि लकड़ी की चप्पल पहना करते थे।

कुछ साधु संत तो आज भी खड़ाऊ पहनकर ही घूमते हैं। इस खड़ाऊ (लकड़ी की चप्पल) का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। यजुर्वेद की माने तो खड़ाऊ पहनने से कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इस खड़ाऊ को पहनने से और भी की लाभ होते हैं। ये सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पिचचे वैज्ञानिक तर्क भी छिपा हुआ है। ऐसे में आज हम आपको इस खड़ाऊ को पहनने के कुछ शानदार हेल्थ बेनीफिट्स बता रहे हैं। इन्हें जानने के बाद आप भी अपनी मॉडर्न चप्पलें छोड़कर लकड़ी से बनी इस चप्पल को पहनने लगेंगे।

खड़ाऊ (लकड़ी की चप्पल) पहनने की शुरुआत कैसे हुई?

आप सभी ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत जरूर पढ़ा होगा। यदि नहीं जानते तो बता दें कि इसके अनुसार पृथ्वी हर एक चीज को अपनी ओर खींचती है। इसलिए जब हम धरती से सीधे संपर्क में आते हैं तो हमारे शरीर से निकलने वाली विद्युत तरंगें धरती जमीन में चली जाती हैं। बाद में ऋषि-मुनियों ने जब इस तथ्य पर खोज की तो पाया कि अन्य सभी प्रकार की चीजें विद्युत की सुचालक है, ऐसे में इन चीजों से बनी चप्पलों को नहीं पहना जा सकता है।

फिर आइडिया आया कि क्यों न लकड़ी की बनी चप्पलें पहनी जाए। लड़की  विद्युत की कुचालक होती है। यदि हम इससे बनी चप्पल को पैरों में पहने तो हमारे शरीर से निकलने वाली विद्युत तरंगे डायरेक्ट जमीन में नहीं जाती है। खड़ाऊ इन तरंगों को रोक लेता है। बस तभी से खड़ाऊ पहनने का चलन शुरू हो गया। ऋषि मुनियों ने पहले इसे पहनना शुरू किया और फिर धीरे धीरे बाकी लोग भी इसे पहनने लगे। हालांकि बाद में रबड़ की बनी चप्पलें मार्केट में आई और इनका चलन धीरे धीरे कम होने लगा।

खड़ाऊ पहनने के लाभ

1. मांसपेशियां मजबूत बनाए: खड़ाऊ यानि लकड़ी की चप्पल पहनने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इससे आपके पैर के तलवे की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इससे आपके पैर और भी स्ट्रॉंग बन जाते हैं।

2. एक्यूप्रेशर का काम करे: खड़ाऊ आपके पैरों में एक्यूप्रेशर का काम भी करती है। ये आपके पैरों के तलवों के उन जरूरी हिस्सों को दबाती है जिससे आप कई तरह के रोगों से बच सकते हैं।

3. रीढ़ की हड्डी मजबूत करे: यदि आप खड़ाऊ पहनते हैं तो इससे आपके शरीर का संतुलन सही रहता है। यह चीज आपकी रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक असर डालती है। इससे न सिर्फ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है बल्कि इससे जुड़ी कोई बीमारी होने के चांस भी कम हो जाते हैं।

4. रक्त का प्रवाह सुधारे: लकड़ी की चप्पल पहनने से बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है।

5. सकारात्मक ऊर्जा: खड़ाऊ पहनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा विकसित होती है।

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