राजनीति

गृहमंत्री अमित शाह से लगभग दुगनी संपत्ति के मालिक है राकेश टिकैत, जानिये कितनी है कुल संपत्ति

किसान आंदोलन में बैठकर पत्तल में खाने से कोई किसान नही बन जाता...

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का नाम आज़कल हर किसी के जुबां पर है। बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) स्वयं को किसान नेता कहते है। जो किसानों की आवाज बुलंद करना अपना काम समझते है। किसान आंदोलन के दौरान कोई नाम अगर सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा है। तो वह इन्हीं का है। लेकिन इस तथाकथित किसान की संपत्ति के बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में किसानों की मासिक आय औसतन मात्र 6,400 रुपये है।

Rakesh Tikait Wealth

भारत के लगभग 50 फ़ीसदी किसानों पर कर्ज का बोझ है। मगर क्या आपको पता है कि राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की संपत्ति देश के गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से 2 गुने से भी अधिक है। राकेश टिकैत करोड़ो की संपत्ति के मालिक है। ऐसे ही राकेश टिकैत बॉर्डर पर नहीं टिके हुए है। इसी पैसे के दम पर राकेश टिकट बॉर्डर पर बैठे हुए है। आइए बात करते हैं आज इसी तथाकथित किसान के साम्राज्य के बारे में। फ़िर आप तय करना कि ये किसान हैं या फ़िर कुछ और…

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कई राज्यों में फैला है इनका साम्राज्य …

Rakesh Tikait

बता दें कि राकेश टिकैत के पास देश के चार राज्यों और 13 शहरों में बेहिसाब संपत्ति है। बात करें टिकैत की कुल संपत्ति की तो वह लगभग 80 करोड़ रुपये है। जी हाँ, हुआ न आश्चर्य आपको? अब आप सोचिए क्या किसी किसान के पास इतनी सम्पत्ति होती है? खुद को किसान नेता कहने वाले राकेश टिकैत वास्तव में किसान कम और एक कारोबारी ज्यादा लगते हैं। जो अब किसानों को बरगला कर अपना हित साधने में लगें हुए हैं। बता दें कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र इन चार राज्यों में टिकैत की संपत्ति है। देश के 13 शहरों में ये संपत्ति बिखरी पड़ी है।

Rakesh Tikait

इसलिए आम जनता को लगता है कि राकेश टिकैत अन्य किसानों की ही तरह गरीब है। मगर हकीकत में वह किसी रईस से कम नहीं है। जिन 13 शहरों में इनकी सम्पत्ति है। उनमें मुजफ्फरनगर, ललितपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बदायूं, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, देहरादून, रूड़की, हरिद्वार और मुंबई शामिल हैं। इन सभी जिलों की संपत्ति को जोड़ दिया जाये तो राकेश टिकैत की कुल संपत्ति लगभग 80 करोड़ रुपये तक पहुँच जाती है। जो देश के गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की कुल संपत्ति से क़रीब दो गुना अधिक है।

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राकेश टिकैत की पृष्ठभूमि…

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मालूम हो कि एक समय राकेश टिकैत दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में कांस्टेबल हुआ करते थे। लेकिन अब वह किसानी कम और नेतागिरी ज्यादा करते है। दो बार चुनावी मैदान में भी उतर चुके है राकेश टिकैत और दोनों बार उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि खेत तो राकेश टिकैत के साम्राज्य का केवल एक भाग है, इसके अलावा उनके पास कई प्रकार के कारोबार है। कारोबार भी वह जो बाहुबलियों और नेताओं के पास होते है। खेत के अलावा राकेश टिकैत पेट्रोल पंप, शो रूम और ईंट-भट्टे के मालिक है। उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं कारोबार से आता है।

किसान आंदोलन में बैठकर पत्तल में खाने से कोई किसान नही बन जाता…

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खुद को किसान नेता कहने वाले राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को हम सभी ने कई बार किसान आंदोलन में किसानों को भड़काते हुए देखा है। इतना ही नहीं वह कई बार किसानों के बीच पत्तल में खाना खाते हुए भी नज़र आए। लेकिन एक कहावत है न कि हर चमकने वाली चीज़ सोना नहीं होती। वैसे ही पत्तल में किसानों के बीच खाना खाने वाला हर व्यक्ति किसान नहीं हो सकता है। बता दें कि किसानों को गुमराह करने वाले राकेश टिकैत जो अपने को तथाकथित किसान नेता बताते है। उनकी कुल संपत्ति लगभग 80 करोड़ रुपये बताई जाती है। टिकैत की यह संपत्ति अनुमानित हैं, क्योंकि देश भर में उनकी संपत्ति बिखरी पड़ी है। जो 80 करोड़ से ज्यादा भी हो सकती है।

राकेश टिकैत की संपत्ति देश के गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की संपत्ति के दो गुने से भी अधिक है। अब गृहमंत्री अमित शाह की संपत्ति की भी बात करें। तो एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (Association for Democratic Reforms) यानी ADR के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की कुल चल-अचल संपत्ति लगभग 34 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही उन पर लगभग 47 लाख रुपये की देनदारी है। गृहमंत्री अमित शाह की संपत्ति का पूरा ब्यौरा जानने के लिए आप ADR की वेबसाइट पर देख सकते है।

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ऐसे में जो व्यक्ति देश के गृहमंत्री से भी अधिक की सम्पत्ति रखता हो। पुलिस की नौकरी छोड़कर आया हो। वह सिर्फ़ किसान तो नहीं हो सकता। अब यह किसानों को समझना चाहिए कि जिसे वे अपना नेता समझते हैं, क्या सचमुच में उनका नेता है या फ़िर नेता बनने की आड़ में किसानों का सिर्फ़ बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है।

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