राजनीति

मौत के पहले सोनिया गांधी से नरसिम्हा राव ने कहा था , तुम लोग मुझ पर मस्जिद तुड़वाने का..

मरते दम तक इस बात का मलाल रहा देश के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को...

देश में आर्थिक सुधारों का बड़ा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (Former Prime Minister PV Narsimha Rao) को दिया जाता है। जी हां उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसले किए, ताकि देश गरीबी से बाहर आ सके।

P V Narsimha rav

बता दें कि वो ऐसा दौर था, जब देश को अपना सोना तक विदेशों में गिरवी रखना पड़ा था। इसके बाद राव ने देसी बाजार को खोल दिया था, जो उस दौर में तो आलोचना का शिकार हुआ, लेकिन आज जिसकी बदौलत हम दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हैं।

P V Narsimha rav

मालूम हो कि नरसिम्हा राव देश के एकमात्र ऐसे पीएम थे। जो काफी भूचालों के बाद इस पद पर पहुँचें थे। यह बात वर्ष 1991 की है। जब मई महीनें में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत हो गई थी। जिसके बाद पीएम पद पर कौन बैठे, इसे लेकर काफी झमेला हुआ था। बाद में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के कहने पर राव को सत्ता मिली। हालांकि ये दौर सत्ता सुख भोगने का नहीं, बल्कि कई सारी चुनौतियों से भरा हुआ था। नरसिम्हा राव एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे। जिन्हें 17 भाषाओं का ज्ञान था। आज हम इसी नेता से जुड़ी एक ऐसी कहानी आपको बताने जा रहें। जिसके बारें में अधिकतर लोगों को पता नहीं। जी हां यह बात उस दौरान की है। जब नरसिम्हा राव काफ़ी बीमार चल रहे थे। लोगों का उनसे मिलने के लिए आना-जाना लगातार जारी था। इसी बीच एक दिन सोनिया गांधी के अस्पताल में आने की सूचना होती है। बता दें कि राव परिवार को गृह मंत्री शिवराज पाटिल का फोन आता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विजिट करना चाहती हैं।

P V Narsimha rav

जिसके बाद सोनिया आईं आती हैं। साथ में शिवराज पाटिल और अहमद पटेल भी होते हैं। इसी बीच पटेल ने राव को पानी का गिलास दिया। राव गुस्से में बोले कि, “तुम लोग मुझ पर मस्जिद तुड़वाने का इल्जाम लगाते हो और अब पानी पिलाते हो।”

sonia gandhi pv narasimha rao

राव यहीं नहीं रुके वह बीमार होने के कारण रुक-रुककर बोलते रहे। उन्होंने कहा कि, “किससे गलतियां नहीं होती हैं। मगर मुझे ऐसी गलती के लिए जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है जो मैंने की ही नहीं?” सोनिया, शिवराज पाटिल और अहमद पटेल चुपचाप उनकी बात सुनते रहें और रात के क़रीब ढाई बजे वे तीनों अस्पताल से रवाना हो गए। फिर राव को नींद का इंजेक्शन दिया गया और वह अगली सुबह उठे तो बस एक बात बोले, कल रात मैं कुछ ज्यादा तो नहीं बोल गया।

pv narasimha rao and sonia gandhi

वहीं इसी बीच 10 दिसंबर 2004 को नरसिम्हा राव की तबीयत और भी ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद अब गए कि तब गए वाली हालत बताई जाने लगी। ऐसे में सोनिया गांधी का एक सहयोगी एम्स पहुंचा। घरवालों से पूछने के लिए कि अंतिम संस्कार कहां करवाना चाहेंगे? इतने में परिवार वाले बिफर गए और बोले, अभी राव जिंदा हैं। इसी के कुछ दिन बाद यानी 23 दिसंबर 2004 को उनका निधन हो गया, लेकिन उन्हें इस बात का जवाब नहीं मिला, कि आख़िर उन्हें बाबरी मस्ज़िद ढहाने का दोषी क्यों बनाया जाता रहा। जिसका ज़िक्र उन्होंने सोनिया गांधी से हुई अपनी आख़िर मुलाकात में भी किया था।

P V Narsimha rav

इतना ही नही सोनिया गांधी ने कभी देश के लिए बड़े बड़े सुधार करने वाले प्रधानमंत्री को तवज्जो नही दिया। जिसका जिक्र कांग्रेस नेता केवी थॉमस ने अपनी किताब में भी किया है। ‘सोनिया- द बीलव्ड ऑफ द मासेज’ नाम की किताब में थॉमस ने लिखा है कि, ” सोनिया और राव के बीच रिश्ते नॉर्मल नहीं थे। यहां तक कि राव ने कई बार उनसे शिकायत की थी कि सोनिया उनका अपमान करती हैं। कई बार 10 जनपथ में बुलाकर राव को काफी लंबा इंतजार करवाया जाता था।” कुछ भी हो भले किसी भी कारण से सोनिया और कांग्रेस पार्टी नरसिम्हा राव को अदब से याद न करती हो, लेकिन देश के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। यह बात तो तय है।

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