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अमेरिका की नौकरी छोड़कर दूध बेचना किया शुरू, 20 गाय से बना लिया 44 करोड़ रुपए की कंपनी

जिंदगी बदलते देर नहीं लगती, इसी को चरितार्थ करती है किशोर इंदुकुरी की कहानी...

Kishor Indukari- यह तो आपने अपने आस-पड़ोस में लोगों को कई बार कहते हुए सुना होगा कि व्यक्ति का मन जिस काम में लगें वही करना चाहिए, लेकिन आज भी दुनिया में भेड़ चाल चलने वालों की कमी नहीं। वह बात चाहें करियर चुनने की हो या फ़िर कोई और। घर-परिवार वाले भी अपने बच्चों पर फ़ैसला थोप देते है, कि फ़लाँ कोर्स में एडमिशन ले लो। अब उसमें बच्चें का मन हो या नहीं, लेकिन उसे मन मारकर पढ़ना पडता। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहें, जो यह बताएगी कि कैसे व्यक्ति अपने मन का काम करके सफ़लता के झंडे बुलंद कर सकता है। बशर्तें कि उसमें धैर्य और कठिन मेहनत करने का जज़्बा होना चाहिए।

kishore indukuri

आज के समय में हर माता-पिता का यह सपना होता है कि उनका लड़का डॉक्टर, इंजीनियर या फ़िर वैज्ञानिक बनें, लेकिन यह कहानी थोड़ा अलग है। बता दें कई सारे लोग ऐसे होते है। जो मन मारकर नौकरी करते है और पैसे भी कमाते हैं, लेकिन उनके मन में कुछ न कुछ मलाल हमेशा बना रहता है। ऐसा ही कुछ इस युवक के साथ भी हो रहा था। फिर इस आईआईटी के पूर्व छात्र ने नौकरी छोड़कर ऐसा काम करना चाहा। जिसे करने में आज़कल लोग शर्म तक महसूस करते हैं। चलिए अब आते हैं मुद्दे की बात पर। जी हां हम बात कर रहें किशोर इंदुकुरी (Kishor Indukari) की। जो अमेरिका में मोटी सैलरी वाली नौकरी कर रहे थे। मगर, अपनी खुशी के लिए एक दिन इन्होंने अपनी आरामदायक नौकरी छोड़ दी, ताकि अपना ख़ुद का कुछ शुरू कर सकें।

Success Story Of Kishor Indukuri

स्वदेश लौटकर Kishor Indukari ने 20 गाय खरीदी और डेयरी फार्मिंग में अपनी किस्मत आजमाई। शुरुआती दिक्कतों के बाद उनकी मेहनत रंग लाई और आज इंदुकुरी की डेयरी 44 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई। इंटेल की नौकरी छोड़कर किशोर ने हैदराबाद में ‘सिड्स फार्म’ के नाम से डेयरी फार्म शुरु किया और ग्राहकों को सब्सक्रिप्शन के आधार पर गैर मिलावटी दूध पहुंचाना शुरू किया। उनका यह आइडिया काम कर गया और कंपनी लगातार बड़ी होती गई। बता दें कि किशोर मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं।

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मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई…

Success Story Of Kishor Indukuri

मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से अपनी मास्टर्स और पीएचडी पूरी करने के बाद किशोर इंदुकुरी ने इंटेल में छह साल तक नौकरी की। इसके बावजूद नाखुश होने पर किशोर ने अपनी अमेरिकी नौकरी छोड़ दी और अपने गृहनगर कर्नाटक लौट आएं, लेकिन जीवन में हमेशा एक टर्निंग प्वाइंट होता है जहां किसी की भी जिंदगी बदल जाती है। वही हुआ इनके साथ भी।

Success Story Of Kishor Indukuri

इसके बाद जब किशोर हैदराबाद गए, तो वहां उन्होंने देखा कि शहर में लोगों के पास सुरक्षित और स्वास्थ्यकर दूध के कुछ ही विकल्प हैं। उन्होंने तुरंत एक बिजनेस आइडिया के बारे में सोचा और 2012 में सिर्फ 20 गायों के निवेश के साथ अपनी खुद की डेयरी शुरू की। उन्होंने और उनके परिवार ने खुद गायों का दूध निकालना शुरू किया और सीधे ग्राहकों के घर तक ऑर्गेनिक दूध पहुंचाया। आखिरकार, उन्होंने दूध देने के समय से लेकर अपने ग्राहकों तक पहुंचने तक दूध की लंबी उम्र सुनिश्चित करने के लिए एक इंस्टाल-फ्रीज-स्टोर सिस्टम में निवेश किया।

Success Story Of Kishor Indukuri

पूर्व इंजीनियर किशोर इंदुकुरी का डेयरी फार्म, जिसका नाम उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर ‘सिड्स फार्म’ रखा। जिसके आज के समय मे क़रीब 10,000 ग्राहक हैं। साथ ही साथ यह कंपनी 44 करोड़ रुपये का सालाना आय प्राप्त कर रही है। वह सिर्फ दूध ही नहीं, बल्कि जैविक दूध उत्पाद दही और घी भी बेचते हैं। ऐसे में यह कहानी हमें बताती है कि कोई भी काम छोटा और बड़ा नहीं होता। काम सिर्फ़ काम होता है और मेहनत के अलावा लगन के साथ किया गया हर काम सफ़ल होता है।

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