बॉलीवुड

चिराग पासवान: फिल्मों से लेकर राजनीति तक में हुए फ्लॉप, पिता के जाने के बाद पार्टी में रहे अकेले

राजनीति और बॉलीवुड दोनों का ही दशकों पुराना रिश्ता है. अभिनेता अक्सर ही नेता बनते देखे जाते है. फिल्मों में नाम कमाने के बाद कई एक्टर्स है जो राजनीति की और रुख कर लेते है. बॉलीवुड के कई ऐसे अभिनेता है जो फिल्मों में अपना करियर ख़त्म होता देख राजनीति में प्रवेश कर चुके है साथ ही कई सफल भी साबित हुए है. वहीं कुछ ऐसे भी नेता है जो फिल्मों में भी पिट गये और राजनीति की दुनिया में भी असफल साबित हुए है. दरअसल हम आज आपको बताने जा रहे है पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान की कहानी.

chirag paswan

रामविलास पासवान के रहते हुए चिराग पासवान को बिहार का युवा नेता बताया जा रहा था. बिहार की राजनीति में उनकी मज़बूत पकड़ है. रामविलास पासवान के रहते पार्टी भी अच्छी चल रही थी. रामविलास पासवान को राजनीति में मौसम वैज्ञानिक भी कहा जाता था क्योंकि वह ताज़ा परिस्तिथि को देखकर गठबंधन बदल लिया करते थे. मगर उनके बेटे अपने पिता से कुछ सीख नहीं पाए.

chirag paswan

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार के बाद उनकी सहयोगी पार्टी में उथल-पुथल चल रही है. रविवार को देर शाम हुई इस पार्टी की मीटिंग के बाद ये साफ हो गया कि पार्टी के 6 में से 5 सांसदों ने चिराग पासवान को अपना नेता मानने से ही मना कर दिया है. अपने पिता के गुजरने के बाद से ही चिराग अकेले दिखाई दे रहे है. चिराग ने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड से की थी. मगर वहां बुरी तरह से फ़ैल होने के बाद उन्होंने अपने पिता का हाथ थाम लिया था.

chirag paswan and kangana

LJP के चिराग – चिराग पासवान ने फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ से बॉलीवुड में अपने करियर का डेब्यू किया था. आप इसे ऐसे समझ सकते है कि ये चिराग पासवान की पहली और आखरी फिल्म थी. उन्होंने बॉलीवुड में काफी धमाकेदार एंट्री ली थी. उनके अच्छे खासे लुक के कारण भी उन्हें देश भर में काफी लोकप्रियता मिली थी. इस फिल्म में उनके साथ विवादित क्वीन कंगना रनौत ने अहम किरदार निभाया था. इस फिल्म में चिराग ने कंगना के साथ रोमांस किया था. चिराग की ये फिल्म जैसे ही बॉक्स ऑफिस पर आई मुँह के बल गिर पड़ी थी. आज जहां कंगना बॉलीवुड की सबसे बड़ी स्टार बन चुकी है. वहीं आज चिराग पासवान बॉलीवुड का करियर छोड़ राजनीति में मशगूल हो चुके है.

chirag paswan

chirag paswan and ram vilas

2014 से राजनीति में हुए सक्रिय
फिल्मों में कुछ न कर पाने के बाद वर्ष 2014 में चिराग पासवान पिता के साथ राजनीति में सक्रिय हो गए. 2014 के आम चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने बिहार की जमुई लोकसभा सीट से अपना दावा ठोका और इस सीट पर उन्होंने राजद के प्रत्याशी सुधांशु शेखर भास्कर को हरा दिया और पहली बार संसद भवन पहुंचे.

chirag paswan and ram vilas

इसके बाद पिछले साल 8 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान का निधन हो गया. उनके जाने के बाद से ही लोक जनशक्ति पार्टी धीरे-धीरे बिखरती ही जा रही है. चिराग के मनमर्जी से लिए गए फैसले के कारण पार्टी में आंतरिक कलह बढ़ता ही जा रहा है. पार्टी के नेताओं ने चिराग को अपना नेता मानने से ही मना कर दिया है.

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