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Twitter FIR News: गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई पर ‘फेक न्यूज’, बेवज़ह हिंदुत्व और योगी सरकार को कर रहें थे बदनाम…

गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई पर तथाकथित कुछ पत्रकार और टिव्टर इण्डिया फैला रहा था 'फेक न्यूज', दर्ज हुई सब पर एफआईआर...

एक बार फ़िर हिंदुत्व को बदनाम करने वाले देश विरोधियों का पर्दाफाश होता दिख रहा है। जी हां बता दें कि बीते दिनों गाजियाबाद के लोनी में हुई मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के मामले में पहले तो इसे हिन्दुत्व के खिलाफ प्रचारित किया गया। फ़िर अब इस मामले खुलासा हुआ तो सबकुछ समझ में आ रहा।

ghaziabad muslim attack

जी हां बीते दिनों गाजियाबाद से एक मुस्लिम बुजुर्ग शख्स का वीडियो वायरल हुआ। तो उस वीडियो में दिख रहा है कि बुजुर्ग शख्स मारने वालों के आगे हाथ जोड़ रहा है लेकिन वो उसकी नहीं सुन रहे। आरोपी, बुजुर्ग की पिटाई करते जा रहे हैं। पहले यह आरोप लगा कि आरोपियों ने पीड़ित से धर्म विशेष के नारे लगवाए। लेकिन बाद में पुलिस ने खुलासा किया कि बुजुर्ग ताबीज बनाता था, जिसका उल्टा असर करने पर मारपीट की गई। आरोपी भी उसी धर्म से ताल्लुक रखते हैं।

ऐसे में अब बीजेपी ने मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद अब कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाए जाने की भी मांग की। वही बता दें गाजियाबाद के लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। ट्विटर पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है। इससे पहले इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया था जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार कर हिदायत दी थी कि यूपी को बदनाम न करें।


इसी मामले में गाजियाबाद पुलिस ने बयान जारी करने के बाद बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने देर रात ट्विटर इंडिया समेत 9 लोगों के खिलाफ फेक न्यूज और धार्मिक भावना भड़काने के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें मोहम्मद जुबैर (को फाउंडर ALT न्यूज), राना अयूब (वरिष्ठ पत्रकार, गुजरात फाइल्स की लेखक), द वायर (न्यूज वेबसाइट), सलमान निजामी (कांग्रेस नेता), मसकूर उस्मानी (कांग्रेस नेता), समा मोहम्मद (कांग्रेस प्रवक्ता), सबा नकवी (वरिष्ठ पत्रकार), ट्विटर Inc और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं। गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि एफआईआर में जो आरोपी शामिल हैं वे वरिष्ठ पत्रकार और नेता हैं। इन्होंने जानबूझकर बिना किसी तथ्यों की जांच व सत्यापन किए झूठी, भ्रमित करने वाली और गलत सूचना पोस्ट की। इनका उद्देश्य दो धार्मिक संप्रदाय के लोगों के बीच शत्रुता, नफरत पैदा करना था।


बता दें कि एफआईआर में लिखा गया कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट्स डिलीट नहीं किए। जिसके कारण धार्मिक तनाव बढ़ा है। इसके अलावा ट्विटर इंडिया और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (TCIPL) की ओर से भी उन ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153- ए, 295- ए, 505, 120 बी, और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

बता दें कि इसी मामले में गाजियाबाद पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि , “सोशल मीडिया पर बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में जांच करने पर पाया कि पीड़ित अब्दुल समद 5 जून को बुलंदशहर से बेहटा, लोनी बॉर्डर आए थे। जहां से एक दूसरे शख्स के साथ परवेश गुज्जर के घर बंथला, लोनी गए थे।” पुलिस ने आगे बताया कि परवेश के घर पर बाकी लड़के कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद वगैरह आ गए और परवेश के साथ मिलकर बुजुर्ग से मारपीट शुरू कर दी। ऐसे धर्म विशेष के नारे सारी चीज़ें कहीं न कहीं ग़लत है। जो माहौल बिगाड़ने के लिए विपक्ष और कुछ तथाकथित पत्रकारों की चाल है।

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