अध्यात्मविशेष

अब तक कौरवों के अंत की कहानी जो आपको बताई गई झूठी थी, उनकी मौत का सही कारण यहाँ पढ़िए

आपने भी टीवी पर आने वाली मशहूर महाभारत देखीं होगी. या फिर लोगों से या कहानियों में महाभारत के कई किस्से सुने होंगे. महाभारत में कुंती के पांच पुत्र पांच पांडव थे. इनके अलावा यह भी बताया गया कि कौरव 100 भाई थे, जो गांधारी और धृतराष्ट्र के पुत्र थे. हम सभी जानते है कि कौरव और पांडवों के बीच जो महासंग्राम हुआ था उसे ही महाभारत कहा गया है. महाभारत से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं, जो हम अभी को सच में हैरान कर देने वाली है. इसी कहानी में से एक है 100 कौरवों को जन्म देने वाली कहानी.

kauravas

सभी के मन में ये सवाल आता है कि आखिर गांधारी 100 पुत्रों को कैसे जन्म दे सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक साथ कोई महिला कैसे 100 बच्चों को जन्म दे सकती है. यह तो असंभव है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखरी किस तरह गांधारी ने 100 पुत्रों और एक पुत्री को जन्म दिया. ऐसे में हम आपको आज कुछ प्रचलित कहानियों के आधार पर कुछ जवाब देते है कि गांधारी के 100 पुत्रों का जन्म किस तरह हुआ.

kaurava

कौरव धृतराष्ट्र और गांधारी के 100 पुत्र थे और उनकी एक बहनभी थी, जिसका नाम था दुशाला. वहीं, सबसे ज्येष्ठ बड़े कौरव का नाम था दुर्योधन, जो महाभारत के सबसे मुख्य पात्र में से एक था. महाभारत के युद्ध में कौरवों ने पांडवों की सेना से युद्ध किया था और पराजय का सामना किया था. इसके साथ ही यह कहानी भी प्रचलित है कि धृतराष्ट्र के अपनी दासी के साथ भी सम्बन्ध थे. उसी से उसे एक और पुत्र ‘युतुत्सु’ भी हुआ था.

kauravas

इस तरह हुआ था 100 कौरवों का जन्म
कुछ कहानियों की माने तो एक बार गांधारी की सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि व्यास ने गांधारी को एक वरदान दे दिया था. इन्ही ऋषि व्यास ने गांधारी को 100 पुत्रों की मां होने का आशीर्वाद दिया था. उनके इस आशीर्वाद के बाद ही गांधारी गर्भवती हुई थी. मगर ऐसा कहा जाता है कि गांधारी 9 महीनों के बजाये 2 सालों तक गर्भवती रही थी. इसके बाद उन्होंने किसी बच्चे को नहीं बल्कि एक मांस के टुकड़े को जन्म दिया था. मतलब उन्हें एक भी संतान नहीं हुई थी.

kauravas

इसके बाद ऋषि व्यास ने ही उस मांस के टुकड़े को 101 हिस्सों में काट दिया. उन्होंने उन टुकड़ों को अलग-अलग हिस्सों में रखवा दिया था. उसके बाद उन 101 घड़ों में रखे गए मांस के टुकड़ों से बच्चों ने जन्म लिया. उन्ही बच्चों को कौरव कहा गया. उन 101 घड़ों में से 100 लड़के जबकि एक लड़की दुशाला ने जन्म लिया था. इसी तरह इन 100 कौरवों का जन्म हुआ. कौरवों के जन्म की यही कहानी सबसे पुरानी है.

kauravas

इस वजह से 100 पुत्रों की मौत हुई.
गांधारी के 100 पुत्रों की मौत के पीछे उनके द्वारा ही किया गया एक कार्य बताया जाता है. पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक की एक किताब ‘मिथक’ के अनुसार उन्होंने लिखा है कि गांधारी ने अपने एक जन्म में 100 कछुओं को मार दिया था, जिसके बाद अगले जन्म में उनके 100 पुत्रों की मौत हो गई. उनके इतने सारे पुत्रों की मृत्यु को एक श्रॉप के रूप में देखा जाता है.

Back to top button