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भगवान राम का वंशज हैं जयपुर का यह राजपरिवार, पेश किए हैं कई सबूत

भगवान राम के वंशज आज भी मौजूद हैं और जयपुर में रहते हैं। जयपुर के एक राजपरिवार ने राम भगवान के वंशज होने का दावा किया था और अपनी बात साबित करते हुए सबूत भी पेश किए थे। जयपुर के इस राजपरिवार ने अपने आप को राम भगवान का वंशज बताते हुए कहा था कि वो उनकी 310 वीं पीढ़ी हैं।

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दरअसल अयोध्या विवाद के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जब मामले की सुनवाई हो रही थी। तब जज ने वकील से पूछा था- क्या भगवान राम का कोई वंशज अयोध्या या दुनिया में है? इस पर वकील ने कहा था- हमें जानकारी नहीं। जब ये बात मीडिया में आई तो जयपुर के राजपरिवार ने दावा किया कि वो राम भगवान के वंशज हैं। दावा करते हुए इन्होंने कहा है कि हम भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज हैं।

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इतना ही नहीं इन्होंने सबूत पेश करने की बात भी कही थी और कहा था अगर सुप्रीम कोर्ट उनसे सबूत मांगता है। तो वे कोर्ट को इसके दस्तावेज देने को तैयार हैं। पूर्व राजकुमारी दीयाकुमारी ने बताया था कि जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह भगवान राम के बड़े बेटे कुश के 289वें वंशज थे।

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राजकुमारी ने इस बात का सबूत भी मीडिया के सामने पेश किया था। सबूत के तौर पर राजकुमारी दीयाकुमारी ने एक पत्रावली पेश की थी। जिसमें प्रभु राम के हर एक पूर्वज का नाम उल्लेखित है। जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों का नाम क्रमवार दर्ज हैं।

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इसी में 289वें वंशज के रूप में सवाई जयसिंह और 307 वें वंशज के रूप में महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा है। जयपुर का पूर्व राजघराने ने ये भी दावा किया था कि अयोध्या के जयसिंहपुरा और राम जन्म स्थान जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के ही अधीन थे।

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इस घराने के इतिहास के अनुसार 21 अगस्त 1921 को जन्में महाराज मानसिंह ने तीन शादियां की थीं। मानसिंह की पहली पत्नी मरुधर कंवर, दूसरी पत्नी किशोर कंवर और तीसरी पत्नी गायत्री देवी थी। महाराजा मानसिंह और उनकी पहली पत्नी के पुत्र का नाम भवानी सिंह था। भवानी सिंह का विवाह राजकुमारी पद्मिनी से हुआ। लेकिन दोनों का कोई बेटा नहीं है। एक बेटी है। जिसका नाम दीया है और जिसका विवाह नरेंद्र सिंह के साथ हुआ है। दीया के बड़े बेटे का नाम पद्मनाभ सिंह और छोटे बेटे का नाम लक्ष्यराज सिंह है।

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लव कुश में बांट दिया था साम्राज्य

कालिदास के रघुवंश अनुसार राम के काल में कोशल राज्य उत्तर कोशल और दक्षिण कोशल में विभाजित था। राम ने अपने पुत्र लव को शरावती का और कुश को कुशावती का राज्य दिया था। लव का राज्य उत्तर भारत में था और कुश का राज्य दक्षिण कोसल में था। रघुवंश के अनुसार कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में थी। कोसला को राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है।

राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ। जिनमें बड़गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला और इसी तरह से इनका वंश बढ़ा। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार लव ने लवपुरी नगर की स्थापना की थी, जो वर्तमान में पाकिस्तान स्थित शहर लाहौर है।

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