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केंद्र ने ट्विटर को जारी किया आख़िरी अल्टीमेटम, जानिए क्या कहा गया सरकार के अंतिम पत्र में…

ट्विटर अपनी औकात न भूले, एक और ईस्ट इंडिया कंपनी बनना चाहता है TWITTER

नए आईटी क़ानून को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच मचा घमासान थमने का नाम नही ले रहा है। बता दें कि ट्विटर नए आईटी क़ानून को पूर्ण रूप से मनाने को तैयार नही दिख रहा। वही अब केंद्र सरकार ने ट्विटर को आखिरी अल्टीमेटम सौंप दिया है। बता दें कि सरकार ने ट्विटर को नए नियमों को मानने को लेकर आखिरी मौका देते हुए चेतावनी दी है कि अगर वह सभी नियमों को नहीं मानता है तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

सरकार ने अपने 26 मई और 28 मई, 2021 को भेजे गए खत और उसपर ट्विटर द्वारा 28 मई और 2 जून, 2021 को भेजे गए जवाब का हवाला देते हुए कहा है कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म द्वारा दिए गए जवाब पूरी तरह से MeitY को संतुष्ट नहीं करते हैं और न ही नए नियमों को पूरी तरह से मानते हुए दिखाई देते हैं।


इतना ही नहीं बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती है। सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर उसे भारत में रहना है तो उसे देश के नियम कायदे कानून मानने ही पड़ेंगे।

गौरतलब है कि चीफ कंप्लायंस अधिकारी की नियुक्ति के बारे में ट्विटर ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं ट्विटर द्वारा नियुक्त किए गए रेजीडेंट ग्रीवांस अधिकारी और नोडल कांटेक्स पर्सन ट्विटर के कर्मचारी नहीं हैं। वहीं ट्विटर ने अपना पता लॉ फर्म के ऑफिस का दिया है जो कि नियमों के हिसाब से वैध नहीं है।

वही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि, “भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती।” बता दें कि मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वो इसमें नाकाम रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी।


किस बात का है विवाद…

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बता दें कि 25 फरवरी को बनाए गए नए आईटी रूल्स में सरकार ने साफ कर दिया था कि जिस भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 50 लाख से ज्यादा यूजर होंगे, उन्हें भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। इसके लिए तीन महीने का वक्त भी दिया गया था। 25 मई को इसकी सीमा खत्म हो गई है। इसी मामले में पिछले हफ्ते ट्विटर की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में बताया गया था कि उसने 28 मई को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर दी है, लेकिन सरकार इससे संतुष्ट नहीं है। आईटी मंत्रालय की ओर से नए नियमों को लेकर अब तक ट्विटर को कुल तीन बार नोटिस भेजा जा चुका है।

अंतिम चेतावनी नोटिस में क्या लिखा…

नोटिस में लिखा है कि, “भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। ट्विटर को यहां खुले हाथों से अपनाया गया, लेकिन 10 साल से यहां काम करने के बावजूद ट्विटर ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं बना पाया जिससे भारत के लोगों को ट्विटर के बारे में अपनी शिकायत को सुलझाने का मौका मिल सके। जिन लोगों को ट्विटर के प्लेटफॉर्म पर अपशब्दो का सामना करना पड़ता है या यौन दुराचार का सामना करना पड़ता है उन्हें अपनी शिकायत के समाधान के लिए मैकेनिज्म मिलना ही चाहिए। ट्विटर को 26 मई 2021 से ही नियमों को मानना होगा।”

इसमें आगे लिखा गया है कि, “सद्भावना के तौर पर नए आईटी नियमों के पालन का एक आखिरी मौका ट्विटर को दिया दिया जा रहा है। इसका पालन न करने पर ट्विटर को आईटी कानून के अनुच्छेद-79 के तहत दायित्व से छूट वापस हो जाएगी। इसके बाद ट्विटर आईटी कानून और भारत के अन्य कानूनों के तहत परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।”

सरसंघसंचालक सहित कई के अकाउंट से हटाया गया ब्लू टिक….

वहीं गौरतलब हो कि इसी बीच ट्विटर (Twitter) ने उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू (Venkaiah Naidu) के पर्सनल अकाउंट से ब्लू टिक बैज (Blue Tick Badge) हटाने के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है। आरएसएस के कई अन्य बड़े नेताओं के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटाया गया है। इससे भारत सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी ओर बढ़ सकती है। हालांकि बाद में ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट का ब्लू टिक रिस्टोर कर दिया है।


बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कई वरिष्ठ नेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाकर अनवेरीफाइड किया गया है। जिनमें सरसंघचालक मोहन भागवत, कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, सुरेश जोशी और अरुण कुमार शामिल हैं।

ट्विटर कर रहा गृहयुद्ध कराने की साजिश !

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