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…तो बीजेपी और आरएसएस से ज्यादा ताकतवर हो गई है योगी की हिंदू युवा वाहिनी!

नई दिल्ली उत्तरप्रदेश में हिंदू युवा वाहिनी की दिनों दिन बढ़ती ताकत बीजेपी और आरएसएस दोनों से लिए मुश्किलें खड़ी करती जा रही है। यह संगठन इस वक्त क्षमता में संघ की बराबरी पर पहुंच चुका है जिसे लेकर संघ ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चेताया है। पिछले कुछ महीनों में इस संगठन द्वारा कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनको लेकर आरएसएस चिंतित है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस ने हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के नाम हुई सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर योगी आदित्यनाथ से बात की है। विपक्षी पार्टियों ने भी हिंदूत्व और गौरक्षा के लोगों को प्रताड़ित किए जाने को लेकर सवाल उठाये हैं। Rss bjp worry about Hindu yuva vahini.

लगातार बढ़ती जा रही है हिंदू युवा वाहिनी की ताकत –  

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और आरएसएस नेताओं ने हिंदू युवा वाहिनी की बढ़ती ताकत पर चिंता जताई है। यह चिंता इस बात को लेकर है कि इस प्रकार की घटनाओं से राज्य सरकार की छवि पर असर पड़ेगा, क्योंकि बीजेपी यहां 15 सालों बाद सत्ता में आई है। आपको बता दें कि हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना 2002 में हिंदू संस्कृति, गौरक्षा और छुआछूत के मुद्दों को ध्यान में रखकर की गई थी। इस संगठन के संरक्षक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। योगी आदित्य नाथ सीएम बनने के बाद से इस संगठन का दायरा गोरखपुर से बढ़कर देशभर में फैल रहा है।

राज्य सरकार की छवि को लेकर आरएसएस चितिंत –

आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ ने इसी बात को लेकर आरएसएस और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की है। इस मीटिंग में योगी आदित्यनाथ ने सभी कार्यकर्ताओं को भगवा के दुरुपयोग को लेकर नसीहत दी है। योगी ने हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि अगर भगवा धारण करने वाला कोई व्यक्ति कोई गलत काम करता है तो इससे संगठन और बीजेपी की छवि खराब होगी।

बीजेपी-संघ नेताओं ने की बैठक –  

खबर ये भी है कि हाल ही में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और संघ प्रचारकों ने एक गुप्त मीटिंग की है। इस मीटिंग में संघ के कृष्णगोपाल, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रामलाल, यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में इन नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बात हुई। लेकिन, जब आरएसएस प्रमुख मनमोहन वैद्य से इस मीटिंग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया।

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