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Good News: 11.8 करोड़ स्टूडेंट्स के खाते में पैसे डालेगी सरकार, जाने किन छात्रों को मिलेगा लाभ

कोरोना काल में हर कोई इम्यूनिटी बूस्ट (Immunity Boost) करने पर जोर दे रहा है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) को मजबूत करने के लिए अच्छे और पोषक तत्वों से युक्त खानपान की जरूरत पड़ती है। हालांकि एक गरीब व्यक्ति अपने बच्चों को ऐसा हेल्थी खाना नहीं खिला पाता है। अभी कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी बच्चों पर ज्यादा बना हुआ है। ऐसे में उन्हें अच्छे खान पान और इम्यूनिटी बूस्टर की सख्त जरूरत है।

Midday Meal

पहले ये हेल्थी फूड गरीब बच्चों को स्कूल में मिड डे मील (Midday Meal) के रूप में मिल जाता था। लेकिन इस कोरोना महामारी के दौर में स्कूल बंद है। ऐसे में बच्चों को मिड डे मील मिलना भी बंद हो गया है। इससे कई जरूरतमन्द और गरीब बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार मिड डे मील स्कीम (Midday Meal Scheme) के तहत बच्चों को डायरेक्ट  धनराशि भेजेगी। यह धनराशि एक बच्चे के मिड डे मील को बनाने में लगने वाली लागत के बराबर होगी।

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने ऐलान किया है कि मिड डे मील स्कीम के पात्र सभी बच्चों को धनराशि देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। यह धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से छात्रों तक भेजी जाएगी। इससे करीब 11.8 करोड़ छात्रों को पौष्टिक भोजन खाने हेतु आर्थिक लाभ मिलेगा। इस तरह मिड डे मील स्कीम को एक गति प्रदान होगी।

indian money

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह योजना सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) से अलग है। PM-GKAY के अंतर्गत करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम की दर से मुफ्त खाद्यान्न वितरण किया जाएगा।

मिड डे मील स्कीम (Midday Meal Scheme) की धनराशि छात्रों में आवंटित करने को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा – एमडीएम स्कीम के अंतर्गत केंद्र सरकार लगभग 11.8 करोड़ छात्रों को डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता देगी। इस हेतु फंड में 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।


बताते चलें कि केंद्र सरकार की तरफ से ये फैसला चुनौतीपूर्ण महामारी के टाइम में गरीब बच्चों की इम्युनिटी को बरकरार रखने के लिए लिया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी जा रही है। इससे देशभर के 11.20 लाख सरकारी और सरकारी सहायता वाले स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 11.8 करोड़ बच्चों को फायदा मिलेगा।

केंद्र सरकार की इस विशेष कल्याणकारी मदद की सोशल मीडिया पर बहुत वाहवाही भी हो रही है। गौरतलब है कि कोरोना काल और लॉकडाउन की सबसे अधिक मार गरीब लोगों पर ही पड़ी है। ये वे लोग हैं जो डेली कमाकर रोज थोड़ा राशन घर में लाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की यह आर्थिक सहायता एक सरहानिय कदम है।

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