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अंतिम संस्कार होने के एक हफ्ते बाद घर लौट आया शख्स, देखकर परिवार वालों के भी उड़ गए होश

राजस्थान के राजसमंद जिले में एक बड़ा ही अनोखा मामला देखने को मिला। यहां एक परिवार ने अपने परिजन का अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन इसके एक सप्ताह बाद वह शख्स जिंदा वापस आ गया। इसके बाद जो सच्चाई सामने आई वाह हैरान करने वाली थी। आईए इस पूरे मामले को थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।

men returned after funeral

दरअसल 40 साल का ओंकार लाल शराब का आदि है। वह राजसमंद जिले के कांकरोली में रहता है। 11 मई को वह अपने परिवार को बिना कुछ बताए उदयपुर चला गया था। यहां उसे लीवर में कुछ समस्या होने के चलते हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। उसी दिन 108 एंबुलेंस मोही इलाके में रहने वाले गोवर्धन प्रजापत को हॉस्पिटल लेकर आई थी। प्रजापत का इलाज के दौरान निधन हो गया था। ऐसे में उसके शव को मुर्दाघर पहुंचा दिया गया।

dead body hand

कांकरोली के थाना प्रभारी योगेंद्र व्यास बताते हैं कि हमे अस्पताल प्रशासन द्वारा एक लेटर मिला था जिसमें कहा गया कि एक शव मुर्दाघर में तीन दिन से पड़ा है और उसे लेने अब तक कोई भी नहीं आया है। इसके बाद 15 मई को कुछ लोग हॉस्पिटल गए और प्रजापत के शव की पहचान अपने रिश्तेदार ओंकार लाल गडुलिया के रूप में कर उसे अपने साथ ले गए।

onkar lal from rajasthan

उधर पुलिस ने भी बिना किसी पोस्टमार्टम के शव रिश्तेदारों को दे दिया। फिर परिजनों ने गोवर्धन प्रजापत का अंतिम संस्कार अपना रिश्तेदार ओंकार लाल समझ कर दिया। कुछ दिनों बाद 23 मई को ओंकार लाल जब घर आया तो उसे देख परिजन हक्के बक्के रह गए। बातचीत के बाद परिजनों को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उन्होंने गलत आदमी का अंतिम संस्कार कर दिया था।

funeral fire

इस मामले पर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ललित पुरोहित ने सफाई देते हुए कहा कि कोरोना काल में ज्यादा संख्या में मरीज आ रहे हैं। मृतक को 08 एंबुलेंस सेवा के द्वारा हॉस्पिटल में एडमिट हुआ था। यहां नर्सिंग और मुर्दाघर स्टाफ के बीच तालमेल की कमी के चलते गड़बड़ हो गई। हम मामले की उचित कार्रवाई करेंगे।

onkar lal

जानकारी के मुताबिक मृतक प्रजापत के तीन बच्चे थे। जब प्रजापत की तबीयत खराब हुई तो उन्हें शिशु कल्याणघर भेज दिया गया। मृतक की पत्नी ने उसे काफी समय पहले ही छोड़ दिया था। बताते चलें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी ने गलत व्यक्ति को अपना रिश्तेदार समझ उसका अंतिम संस्कार कर दिया हो। इसके पहले भी इस तरह के कुछ मामले सामने आ चुके हैं।

वैसे इस पूरे मामले पर आपके क्या विचार हैं हमे कमेंट कर जरूर बताएं।

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