समाचार

मेजर को मिली क्लीन चिट, जानिये क्यों कश्मीरी पत्थरबाज को जीप में बांध कर सेना ने घुमाया था ..!

कश्मीर – जम्मू-कश्मीर में पिछले महीने पहले आर्मी जीप के बोनेट पर एक शख्स को बांध कर घुमाने का वीडियो समाने आने के बाद उसपर खूब बवाल हुआ था। कुछ लोगों ने इसे गलत बताया और कहा कि कश्मीर समस्या का हल ऐसे तरीकों से नहीं निकाला जा सकता। लेकिन किसी ने भी ये जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर सेना के मेजर ने ऐसा आदेश क्यों दिया और आखिर किन परिस्थितियों में सेना ने ये कदम उठाया। आज इस आदेश को देने वाले मेजर को सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (सीओआई) से क्लीन चिट मिल गई है। मेजर ने यह आदेश कश्मीर में उपचुनावों के दौरान पत्थरबाजी से बचने के लिए दिया था। Army gives clean chit to major.

कश्मीरी को जीप में बांधकर घुमाना गलत नहीं –

Army gives clean chit to major

9 अप्रैल को बड़गाम से आर्मी जीप के बोनेट पर एक शख्स को बांधे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 53 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर के खिलाफ सीओएल में कार्रवाई की मांग की जा रही थी। हालांकि, बिना कारण जाने ही उनके खिलाफ जम्मू और कश्मीर पुलिस ने 15 अप्रैल को एफआईआर भी दर्ज कर लिया था। बाद में जब ये मामला कोर्ट पहुंचा, तो वहां से उन्हें क्लीन चिट दी गई है।

मेजर ने अपनी सफाई में कहा कि आर्मी के नियमों के मुताबिक हालात काबू करने के लिए हमें हर कोशिश करनी होती है और मैंने जो तरीका अपनाया वो भी उसका ही हिस्सा था। वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि जीप पर बांधा गया कश्मीरी वोट देकर लौट रहा था। उसने बाद में ये भी माना था कि वो एक पत्थरबाज है।

जवानों की जान बचाने के लिए लिया फैसला –

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश कटोच ने एक आर्टिकल में इस बात खुलासा किया है कि 9 अप्रैल को कश्‍मीर में हो रहे उपचुनाव के दौरान पत्‍थरबाजों की भीड़ ने पुलिस बूथ पर हमला किया था। पत्‍थरबाजों ने वोटर्स की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी और जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के जवानों पर पत्‍थर फेंके। इन पत्थरबाजों की संख्या लगभग 900 के करीब थी, जिसकी तुलना में ड्यूटी पर तैनात आईटीबीपी जवानों की संख्या काफी कम थी।

इसलिए ड्यूटी पर तैनात जवानों ने आर्मी की मदद लेना उचित समझा और आईटीबीपी की अपील पर आर्मी के 17 जवान वहां भेंजे गए। थोड़ी देर बाद भीड़ को उग्र होता देख इस टीम को भी लगा कि यहां से सुरक्षित निकलना मुश्किल है। इसलिए मेजर के आदेश पर पत्थबाजों में से एक 26 वर्ष के फारूक अहमद डार को पकड़ा गया। जिसे जीप पर बांधकर जवानों को सुर‍क्षित निकाला गया।

Back to top button