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गंदे पड़े सार्वजनिक शौचालय को भाजपा सांसद ने हाथ से किया साफ? जानिए विस्तार से…

अन्य दल कोरोना काल में राजनीतिक अवसर तलाश रहें उस दरमियान भाजपा के नेता देश सेवा में निरंतर तल्लीन हैं

भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की भले ही विपक्ष कितनी भी बुराई क्यों न कर लें, लेकिन ये समाज सेवा का दायित्व लगातार निभाते हैं। जी हाँ जब कांग्रेस और अन्य दल कोरोना काल में राजनीतिक अवसर तलाश रहें उस दरमियान भाजपा के नेता और स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता देश सेवा में निरंतर तल्लीन हैं। सोचिए क्या कांग्रेस का कोई सांसद टॉयलेट साफ़ कर सकता है। वह भी जिसे पब्लिक इस्तेमाल करती हो। उम्मीद है उत्तर नकारात्मक ही होगा, लेकिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा। जिसमें भाजपा से रीवा सांसद जनार्दन मिश्र हाथ से टॉयलेट साफ़ करते हुए दिख रहे हैं।

janardan mishra

ग़ौरतलब हो कि जब भाजपा सांसद ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर गए थे तभी एक क्वारेंटिन सेंटर के निरीक्षण के दौरान उन्हें टॉयलेट गंदा दिखा। जिसके बाद उन्होंने सफ़ाई के लिए झाड़ू मांगी। जब झाड़ू नहीं मिली तो वह हाथ से ही टॉयलेट साफ़ करने लगें। सांसद का हाथ से टॉयलेट साफ़ करते हुए यह वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है।
janardan mishra

सोचिए जिस कोरोना काल में अपने पराएं हो रहें। अस्पताल जाने से लोग घबरा रहें । फ़िर एक क्वारेंटिन सेंटर के अंदर बने टॉयलेट को हाथ से साफ़ करने की ज़हमत कौन जोह पाएगा? लेकिन ऐसा किया रीवा लोकसभा सीट से भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने। ऐसे में जो कांग्रेस आएं दिन कोरोना को लेकर भाजपा से सवाल करती फिर बात चाहें मध्यप्रदेश की हो या देश की। क्या कांग्रेस का कोई नेता चाहें वह मध्यप्रदेश में दिग्विजयसिंह और कमलनाथ हो या केंद्र की राजनीति करने वाले राहुल गांधी। किसी क्वारेंटिन सेंटर का टॉयलेट हाथ से साफ़ कर सकते हैं? या फ़िर आपदा में राजनीति के लिए अवसर ढूढ़ना ही उनका राजनीतिक विशेषाधिकार?

जानकारी के लिए बता दें कि जो सांसद महोदय की वीडियो वायरल हो रही। वह रीवा ज़िले के मऊगंज जनपद के ग्राम पंचायत सेमरिया कुंज बिहारी क्वारेंटिन सेंटर की है। सांसद इस सेंटर का निरीक्षण करने पहुँचें थे, लेकिन जब सांसद ने टॉयलेट गंदा देखा तो उन्होंने स्वयं सफ़ाई करने की सोची। फ़िर क्या वहां के कर्मचारियों से सांसद ने झाड़ू मांगी। झाड़ू नहीं मिली तो बाहर से पेड़ की सूखी लकड़ी की डंडिया मंगवाई, हाथ मे सर्जिकल ग्लब्स लगाएं और शुरू कर दी टॉयलेट की सफाई।


सांसद के इस अंदाज़ को देखकर सब भौचक्के रह गए, कि आख़िर जिस कोरोना काल में लोग एक दूसरे से मिलने तक मे घबराते। उस दौरान कैसे सांसद महोदय क्वारेंटिन सेंटर का टॉयलेट साफ़ कर सकते। इसके बाद सांसद जनार्दन मिश्रा चर्चा का विषय बन गए हैं। मीडिया जनार्दन मिश्रा के इस सेवा भाव को लेकर सवाल पूछती है, तो सांसद जी! कहते हैं कि कोई भी काम छोटा-बड़ा नहीं होता, कोरोना महामारी में सभी काम कर रहें हैं। चाहें वह डॉक्टर हो या सुरक्षाकर्मी। टॉयलेट गन्दा था, इसलिए मैंने साफ़ कर दिया। ताकि लोग सामने आए और स्वच्छता का महत्व समझें। सांसद जनार्दन मिश्रा के इस काम को भले विपक्ष ढोंग बता दें या फ़िर विपक्ष का कोई नेता ऐसी हिम्मत न जुटा पाएं। इन सबके बावजूद सांसद मिश्रा के इस कार्य से तीन संदेश निकलते हैं। पहला ऐसा नहीं कि बड़े कुल में जन्म लेने से व्यक्ति बड़ा हो जाता। उसके कर्म ही उसे महान बनाते हैं। दूसरा उच्च जातियों पर आए दिन कटाक्ष करने वालों को सांसद मिश्रा के इस कार्य के बाद कुछ सीख लेने की जरूरत है। वहीं तीसरा राजनीति सिर्फ़ अपने लिए नहीं होती। समाजसेवी होना एक राजनेता का बड़ा गुण। जो अधिकतर विपक्षियों में नहीं दिखता।

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वैसे भाजपा के अन्य मंत्री और सांसद भी आएं दिन ऐसे सामाजिक कार्य करते नजऱ आ जाते हैं। जिनमें शिवराज सिंह चौहान सरकार में ऊर्जामंत्री और ग्वालियर से विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हैं। वे भी आएं दिन बिना हिचक नाला सफ़ाई, टॉयलेट आदि में जुट जाते हैं।

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