राजनीति

अलगाववादियों को आतंकियों ने दी धमकी, कहा – ऐसा किया तो ‘सिर काटकर लाल चौक पर टांग देंगे’

कश्मीर – कश्मीर में अलगाववादियों को आतंकियों की ओर से धमकी मिली है। कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी आतंकी संगठन ने अलगाववादी नेताओं को धमकाया है। आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य जाकिर मूसा ने हुर्रियत नेताओं को धमकाते हुए कहा कि वे कश्मीर में जारी ‘इस्लाम के लिए जंग’ में हस्तक्षेप न करें, अन्यथा उनका ‘सिर काटकर लाल चौक पर टांग देंगे।’ जाकिर मूसा ने धमकी भरा एक ऑडियो जारी किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। militants threatens hurriyat leaders.

हुर्रियत को हिज्बुल की धमकी, कश्मीर में लड़ाई इस्लाम के लिए –

यह पहली बार है जब आतंकियों ने हुर्रियत नेताओं को धमकी दी है। हिज्बुल की ओर से भेजे गए ऑडियो क्लिप में कहा गया है कि कश्मीर में चल रहा ‘आंदोलन’ इस्लामिक है न कि राजनीतिक। इस ऑडियो क्लिप में हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य जाकिर मूसा कह रहा है कि, “मैं हुर्रियत के पाखंडी नेताओं को चेतावनी देता हूं। वे इस्लाम के लिए हमारी लड़ाई में दखल न दें। यदि वे ऐसा करते हैं तो हम उनके सिर काटकर लाल चौक पर टांग देंगे।”

आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन कि ओर से अलगाववादी नेताओं को मिली इस धमकी से सवाल उठने लगे हैं कि क्या हुर्रियत कश्मीर में अब अपनी जमीन खो चुका है। इस धमकी से साफ है कि आतंकी उनकी राजनीति से संतुष्ट नहीं हैं। आपको बता दें कि बुरहान बानी की मौत के बाद उसकी जगह हिज्बुल का नया कमांडर ने जाकिर मूसा को बनाया गया है।

दखल दिया तो ‘सिर काटकर लाल चौक पर टांग देंगे’ –

मूसा ने कहा कि कश्मीर में जो आंदोलन आतंकियों ने चला रखा है वह इस्लाम के लिए है, राजनीतिक के लिए नहीं। हम इस्लाम के लिए लड़ रहे हैं। मूसा ने ऑडियो टेप में ये भी कहा है कि अलगाववादी नेता अपनी मौत से डर गए हैं और आतंकवादियों के खून पर राजनीति कर रहे हैं। उसने कहा है कि, “मैं हुर्रियत के पाखंडी नेताओं को चेतावनी देता हूं कि वे इस्लाम के लिए हमारी लड़ाई में दखल न दें। नहीं तो हम उनके सिर काटकर लाल चौक पर टांग देंगे।”

जाकिर ने आगे कहा है कि “हम सभी को अपने धर्म से प्यार करना चाहिए। हम सब इस्लाम के लिए लड़ रहे हैं। यदि हुर्रियत के नेताओं को लगता है कि ऐसा नहीं है तो हम यह नारा क्यों सुन रहे हैं कि ‘आजादी का मतलब – ला इलाहा इल लल्लाह।’ अलगाववादी नेता सिर्फ अपनी राजनीति के लिए मस्जिदों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?” हालांकि, समाचार एजेंसी आईएएनएस ने इस ऑडियो क्लिप की विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं की है।

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