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राज्यपाल ने बतायी क्या हो रहा है बंगाल में हिन्दुओं के साथ, जानकर आप का दिल पसीज जाएगा

पश्चिम बंगाल में लगातार हिंसा का दौर जारी है। पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के बाद अब यह सवाल आम हो चलें हैं कि क्या यह वही भूमि है जहां रविन्द्र नाथ टैगोर जैसी महान शख्सियत ने जन्म लिया था? गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीज़े आने के बाद एकाएक हिंसा का माहौल काफ़ी बिगड़ गया है। जिसको लेकर राज्यपाल लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सचेत कर रहें, लेकिन वह शायद कुछ सुनने को तैयार नहीं। ममता बनर्जी तो सिर्फ़ मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रही, कि केंद्र सरकार ने पिछले छह महीने में कोरोना से निपटने की कोई तैयारी नहीं की।

jagdeep dhankhar

इसी बीच यह ख़बर निकलकर आ रही कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए कहा है कि, “ऐसा समय चल रहा है, जब हम सो नहीं सकते। राज्य के लिए इतनी बड़ी चुनौती भरा समय है। जहां हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हुए हैं। वही लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं। उन्हें हत्या, बलात्कार हर तरह से अपमानित किया जा रहा।”

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इतना ही नहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी गंभीरता से स्थिति पर ध्यान देंगी और सभी संबंधितों को पुनर्वास, विश्वास निर्माण, मुआवजे और सुरक्षित करने के लिए निर्देशित करेंगी। जिससे सभी एकजुट होकर रह सकें और विभाजनकारी ताकतें अपने मंसूबों में किसी भी कीमत पर कामयाब न हो।

राज्यपाल ने इसके अलावा कहा कि राज्य एक ओर जहां कोरोना महामारी की संकट भरी घड़ी से गुजर रहा, तो वहीं चुनाव के बाद शुरू हुए प्रतिशोधात्मक हिंसा से भी जूझ रहा है। इसके अलावा जगदीप धनखड़ ने कहा कि चुनाव के बाद से जो हिंसा हो रही। ऐसी हिंसा के बारे में कभी नहीं सुना था। उन्होंने कहा कि ये समय बेहद गम्भीर है। लाखों लोग पीड़ित हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील है कि वह हालातों पर काबू पाने का प्रयास करें।

mamta banarjee

गौरतलब हो कि जिस वक्त मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पद की शपथ ले रही थी। उस दौरान भी राज्यपाल धनखड़ ने ममता बनर्जी को राज्य की स्थितियों से आगाह कराया था। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यही जब कंगना रनौत ने पश्चिम बंगाल की तुलना कश्मीर से की तो तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग भड़क उठा था। ऐसे में जब अब राज्य का राज्यपाल उन्हीं स्थितियों की बात कर रहा। जिसको मुद्दा कंगना रनौत ने बनाया था। तो क्या अब ऐसे में राज्यपाल की बात को भी दरकिनार कर दिया जाएगा? राज्यपाल कोई ऐसा-वैसा व्यक्ति तो नहीं? एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अगर राज्य की दयनीय होती स्थिति पर उंगली उठा रहा। ऐसे में ममता दीदी! आपको राज्य की व्यवस्था सुधारने की दिशा में सोचना चाहिए, न कि राजनीति साधने के लिए “आपदा में अवसर”” की तलाश करनी चाहिए।

वहीं गौरतलब हो बीते दिन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जदगीप धनखड़ असम के अगोमानी इलाके का दौरा करने पहुँचें। जहां बंगाल में हो रही हिंसा के कारण कुछ परिवारों ने शरण ली है। इस दौरान राज्यपाल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें संत्वाना दी। इस दौरान एक बुजुर्ग उनसे लिपटकर रोना लगा था। जिसके बाद राज्यपाल ने बुजुर्ग और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था।

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