राजनीति

पश्चिम बंगाल में भाजपा के दो विधायकों ने दिया इस्तीफा, जानें क्या हो सकती वज़ह…

पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही है हिंसा, जिसकी वज़ह से अपने विधायकों को सुरक्षा दे रही केंद्र सरकार

पश्चिम बंगाल में भाजपा के दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। जिसकी वज़ह से अब सूबे में भाजपा के सिर्फ़ 75 विधायक बचें है। गौरतलब हो संवैधानिक दृष्टिकोण से भी कोई एक ही व्यक्ति एक समय में सांसद और विधायक दोनों पदों पर नहीं रह सकता। ऐसे में भाजपा के दो सांसद निशीत प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब हो कि दोनों सांसदों ने पार्टी हाईकमान के निर्देश के बाद बुधवार को स्पीकर को अपना त्यागपत्र सौंपा। बता दें कि प्रमाणिक और सरकार उन पांच भाजपा सांसदों में शामिल थे, जिनसे पश्चिम बंगाल में भाजपा को बहुत उम्मीद थी। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद ऐसा कुछ होता नहीं दिखा।

nitish pramanik, jagannath sarkar

ऐसे में भले ही इन दो विधायकों ने इस्तीफ़ा केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर दिया हो, लेकिन आशंका इस बात की भी है कि कहीं ममता सरकार का क्रूर शासन तो इस्तीफे के पीछे का कारण नहीं? यह भी एक गूढ़ विषय है, क्योंकि बीते दिनों आसनसोल दक्षिण के भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने एक निजी टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि “दो साल तक मैंने भाजपा के साथ बिना किसी समस्या के काम किया, लेकिन अभी 2 मई के बाद … जिस दिन चुनाव परिणाम सामने आए, स्थिति बदल गई है। हमें सुरक्षा की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि हमारा जीवन जोखिम में है। हम लोगों द्वारा चुने गए हैं, लेकिन यह राज्य सरकार की विफलता है कि केंद्र सुरक्षा प्रदान कर रही है।”

ऐसे में कहीं केंद्र में सांसद होने और सुरक्षा मिली होने के कारण तो इन दोनों विधायकों ने इस्तीफा नहीं दिया यह अपने आप मे बड़ा सवाल है। वैसे भी नंदीग्राम के विधायक सुवेन्दु अधिकारी, जो कि विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। फ़िर कहीं हिंसा के बल पर ममता सरकार की भाजपा विधायकों को डराने की साजिश तो नहीं चल रहीं। इसका उत्तर ढूढ़ने की आवश्यकता है।

यहां गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल की रानाघाट लोकसभा सीट से सांसद जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा देने के बाद बताया कि, "विधानसभा चुनाव के नतीजे पार्टी की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती तो हमारी भूमिका कुछ अलग होती। अब जब ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी ने निर्देश दिया कि हम लोगों को संसद के सदस्य के तौर पर ही अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इसीलिए, हमने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।" जगन्नाथ सरकार ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले की शांतिपुर सीट से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।

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