राजनीति

कांग्रेस विधायक ने स्वास्थ्य कर्मचारी को दी गाली, क्या कांग्रेसियों की यही है नियत

जनप्रतिनिधियों का कार्य क्या होता है। इससे सभी वाकिफ़ होंगें। कोरोना काल में तो जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी ओर बढ़ गई है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधियों की बात करें। तो उनकी स्थिति और कार्यप्रणाली तो माशाअल्लाह! उनकी नीति और नियत दोनों समझ में नही आती है। ताजा मामला महाराष्ट्र राज्य का है। जहां महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक रंजीत कांबले के एक ऑडियो क्लिप ने बवाल मचा दिया है। विधायक पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक स्वास्थ्य अधिकारी के साथ बदसलूकी की है। उन्हें गालियां दी हैं और मारने-पीटने की धमकी भी दी।

जानकारी के लिए आपको बता दें ये सब इसलिए हुआ क्योंकि स्वास्थ्य अधिकारी अजय डवले ने विधायक के चुनावी क्षेत्र में आरटी पीसीआर टेस्टिंग शुरू करवा दी थी, लेकिन इस बारे में विधायक को सूचित नहीं किया। फ़िर क्या विधायक साहब का मूड सनक गया। जिसके लिए कांग्रेस विधायक ने उस स्वास्थ्य अधिकारी को ख़ूब खरी-खोटी सुनाई।

गौरतलब हो कि वायरल ऑडियो में विधायक कहते सुनाई दे रहे हैं, “तुम मेरे चुनावी क्षेत्र में टेस्ट करवा रहे हो, लेकिन मुझे बताना उचित नहीं समझा। पहले बिना पूछे लॉकडाउन और अब टेस्टिंग? मेरे साथ राजनीति कर रहे हो। मैं तुम्हें मारूंगा! लॉकडाउन के दौरान तुम ऐसे कैसे टेस्ट करवा सकते हो? जब से ये ऑडियो क्लिप सामने आया है, रंजीत कांबले के खिलाफ लोगों का गुस्सा तो फूटा ही है, महाराष्ट्र स्टेट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी कार्रवाई की मांग कर दी है। डॉक्टर ने बैनर लेकर सिविल अस्पताल में मौन विरोध प्रदर्शन भी किया है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा जब राज्य में सरकार कांग्रेस समर्थित शिवसेना की है, फ़िर लॉकडाउन को लेकर विधायक जी! स्वास्थ्य कर्मचारी पर क्यों भड़क रहें? दूसरा सवाल यह भी अगर विधायक जी आपको स्वास्थ्य अधिकारी ने टैस्टिंग की बात नहीं बताई तो इसमें गुनाह कैसा?


चलिए मान लीजिए टेस्टिंग की बात आपको स्वास्थ्य अधिकारी बता भी देता तो आप क्या कर लेते? क्या आपको जानकारी देने भर से आपके क्षेत्र में कोरोना छूमंतर हो जाता? नहीं न! फ़िर जब स्वास्थ्य अधिकारी ने कोई गुनाह नहीं किया फ़िर उसे मारने की धमकी देने का क्या औचित्य? स्वास्थ्य अधिकारी तो मानव रक्षा का काम कर रहें लेकिन विधायक जी आपको देखकर लगता शायद आपकी नियत में यह कतई नहीं। तभी तो ऐसे बेतुके काम कर रहें आप।

वहीं गौरतलब हो कि इस घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज़ हो गई है। वर्धा से सांसद रामदास तडास ने रंजीत कांबले के इस रवैये की आलोचना की है। साथ ही साथ उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए रामदास तडास ने कहा यह कांग्रेस विधायकों को शोभा नहीं देता। वैसे इस मामले में अब तक की विशेष बात यह है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन कार्यवाही कितनी और क्या होगी, यह भविष्य के गर्भ में है।

एक बात देखें तो जिस तरीक़े का व्यवहार कोरोना काल में कांग्रेसी जनप्रतिनिधि रंजीत कांबले ने की है। ऐसी हरक़त की उम्मीद किसी जनप्रतिनिधि से नहीं की जा सकती। अब राज्य में सरकार कांग्रेस समर्थित शिवसेना की है। इसके अलावा कोरोना के मामले भी महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा तो यह देखने वाली बात होगी कि विधायक जी पर कार्रवाई क्या होती है?

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