राजनीति

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की योगी आदित्यनाथ की तारीफ़, तो क्यों विपक्षी दलों को लगी मिर्ची? जानिए इस रिपोर्ट में…

300 ऑक्सीजन प्लांट लगा रहें सीएम योगी आदित्यनाथ

जिस दौर में कई राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहें। इसी बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की डब्ल्यूएचओ ने जमकर सराहना की है। जी हां एक तरफ़ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री जब कोरोना को लेकर केंद्र सरकार को घेर रहें है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर में योगी सरकार की ओर से कोरोना के तेजी से बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए सूबे के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में 5 दिवसीय रैपिड कोरोना टेस्टिंग अभियान चलाया गया। बीते दिनों सोशल मीडिया पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का वह बयान भी सभी ने सुना ही होगा जिसमें वह कहते दिखें की 7 करोड़ की जनता तक मुख्यमंत्री और मंत्री नहीं पहुँच सकते। जनता को अपनी सुरक्षा ख़ुद करनी चाहिए। ऐसे में अशोक गहलोत जी! पहला सवाल आपसे ही अगर आप 7 करोड़ जनता की जिम्मेदारी नहीं उठा सकते? फ़िर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर क्यों बैठे और बैठे भी तो उत्तरप्रदेश तो जनसंख्या में राजस्थान से काफी बड़ा राज्य। ऐसे में अगर आपको जिम्मेदारी कहीं यूपी की मिल जाती फ़िर क्या होता? क्या सोचा है कभी आपने?

यहां गौरतलब हो कि योगी सरकार की ओर से चलाए गए पांच दिवसीय रैपिड कोरोना टेस्टिंग अभियान को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुल कर तारीफ की है। ऐसे में सवाल यही अगर उत्तरप्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर कोरोना से निपटने की तैयारी कर सकते हैं। फ़िर बाक़ी अन्य दलों की सरकारें क्यों केंद्र पर या सिर्फ़ आरोप लगा रही या पलक पसार कर केंद्र से मदद की गुहार लगाती है? एक साधारण सी बात है, राज्य की सत्ता में जो सरकारें होती हैं। उनका भी राज्य के प्रति कुछ दायित्व होता है। राज्य के नीति-निर्देशक तत्व होते हैं। फ़िर बाक़ी राज्य की सरकारें क्यों अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही से नहीं करती?

अब हर राज्य की जिम्मेदारी तो केंद्र उठा नहीं सकता, वह केवल दिशा-निर्देश और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा सकता। कार्य को कुशलता से करना तो राज्य की नैतिक जिम्मेदारी। यह केजरीवाल और हेमंत सोरेन जैसे मुख्यमंत्री को समझना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किल वक्त में तारीफ़ विश्व स्वास्थ्य संगठन कर सकता फ़िर बाक़ी के राज्य ऐसा क्यों कुछ नहीं करते कि उनकी भी तारीफ़ हो।

जानकारी के लिए बता दें यूपी सरकार की ओर से सभी ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए गए 5 दिवसीय अभियान के चलते तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण पर एक बड़ा कदम उठाया गया था। यूपी सरकार की इसी पहल की सराहना करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर लिखा कि, “भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य, उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर जाकर कोरोना के लक्षण वाले लोगों की रेपिड टेस्टिंग के साथ आइसोलेशन से लेकर कोरोना किट उपलब्ध कराने की पहल की है।” जो सराहना योग्य है।

इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बीते 5 मई से शुरू किए गए पांच दिवसीय अभियान के तहत राज्य के 75 जिलों में मौजूद लगभग 97,941 गांवों में इस अभियान को चलाया। जिसमें राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित की गई 1 लाख 41 हज़ार 610 टीमों के साथ 21,242 सुपरवाइजरों ने 5 दिनों में राज्य के सभी गांवों को कवर किया। वहीं योगी सरकार की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहना की। वह विपक्षी दल हज़म नहीं कर पा रहें हैं। समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस तक योगी सरकार पर सवाल खड़े करने में लगें हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मंगलवार को कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के भाजपा सरकार के दावे को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार के सभी दावे हेराफेरी वाले हैं। इस बीच भाजपा उपाध्यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह और राज्य के चिकित्सा शिक्षामंत्री सुरेश खन्‍ना ने कांग्रेस के नेताओं को झूठा और गैर जिम्मेदार बताया है। हालांकि सपा अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को फिर दोहराया कि बीजेपी सरकार लगातार झूठे आंकड़े दे रही है और अभी भी स्थिति की भयावहता को स्वीकार नहीं कर रही है।

ऐसे में एक सवाल यह कि कोई भाजपा का नेता अगर यूपी सरकार की तारीफ़ करता। उस पर विपक्ष सवाल उठाती तो चल जाता, लेकिन क्या अब अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी विपक्ष दलों का विश्वास उठ गया? आएं दिन जो विपक्ष दल विदेशी मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की दुहाई देता रहता। अगर वह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई योगी सरकार की सराहना पर सवाल कर रहा। मतलब उसकी नीति और नियत दोनों में कहीं न कहीं खोट है। वैसे जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरप्रदेश सरकार 300 ऑक्सीजन प्लांट लगा रही। किसी अन्य राज्य की सरकारें इस दिशा में क्यों नहीं सोच पा रही? क्या उन्हें जनता ने सिर्फ़ भाजपा विरोध के लिए राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी है। यह भी अपने आप में यक्ष प्रश्न है।

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