बिज्ञान और तकनीकसमाचार

15 मई को नहीं बंद होगा व्हाट्सएप अकॉउंट

नई प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकृति करने की डेट पुनः बढ़ेगी आगे...

तमाम दबावों और यूज़र्स का व्हाट्सएप छोड़कर अन्य ऐप्प की तरफ़ बढ़ते रुझान को देखते हुए दूसरी बार व्हाट्सएप ने अपनी विवादित प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने की बाध्यता को हाल-फिलहाल के लिए टाल दिया है। कम्पनी की तरफ़ से कहा गया है कि प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकृति नहीं करने पर यूज़र्स का अकॉउंट डिलीट नहीं किया जाएगा।

बता दें कि पहली मर्तबा व्हाट्सएप की तरफ़ से यह कहा गया था कि जो भी यूज़र्स 8 फ़रवरी तक नए प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकृति नहीं करेगा। उसका अकॉउंट डिलीट कर दिया जाएगा। उसके बाद व्हाट्सएप ने इस समयावधि को आगे बढाते हुए 15 मई किया। लेकिन अब एक बार फ़िर व्हाट्सएप अपनी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकृति करने की तिथि आगे बढ़ाता नज़र आ रहा। कम्पनी की तरफ से कहा गया है कि यूज़र्स को आने वाले समय मे इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।

क्या है पूरा मामला

बात करें तो पूरे मामले की शुरुआत 4 जनवरी 2021 को शुरू हुई। जब व्हाट्सएप खोलते ही हर किसी यूज़र्स को यह डिसप्ले होने लगा कि वह नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकृति कर लें, अन्यथा उनका व्हाट्सएप अकॉउंट 8 फ़रवरी को डिलीट हो जाएगा।

इस मैसेज के बाद लगातार व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी का विरोध होना शुरू हो गया। यूज़र्स की तरफ़ से यह बातें उठने लगी कि यह उनकी निजता में सेंधमारी की तैयारी है। ऐसे में लाखों की संख्या में व्हाट्सएप यूज़र्स अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे सिग्नल, टेलीग्राम आदि की तरफ बढ़ गए। इतना ही नहीं विवाद बढ़ता देख केंद्र सरकार भी आगे आई और इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह पॉलिसी वह वापस लें। जिसके बाद व्हाट्सएप को मजबूरन प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकृति करने की डेट को आगे बढ़ाना पड़ा।

नई प्राइवेसी पॉलिसी में ऐसा क्या जो बन रही विवाद का कारण

गौरतलब हो कि नई पॉलिसी के अंतर्गत व्हाट्सएप का कहना है कि वह यूजर की जानकारी फेसबुक और अन्य दूसरी कम्पनियों के साथ साझा करेगी। ऐसे में अगर यूज़र्स पॉलिसी स्वीकार करता है तो उसके बाद व्हाट्सएप पर जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर या प्रेषित और प्राप्त किए जाएंगे। वह कम्पनी अपने किसी भी प्लेटफ़ॉर्म और किसी भी देश मे इस्तेमाल कर सकती। यहां एक विशेष बात यह है कि इसी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी। जिस पर 5 मई को सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई में 02 जजों की बेंच ने व्हाट्सएप और फेसबुक के साथ केंद्र सरकार से भी 13 मई तक जवाब मांगा है।

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