बॉलीवुड

इन अभिनेत्रियों के पिता सिलते थे राजेश खन्ना के कपड़े, शाहिद कपूर का भी है ख़ास रिश्ता

हिंदी सिनेमा के पहले सुपेरटर रहे राजेश खन्ना की हर एक अदा के लोग कायल हुआ करते थे. राजेश खन्ना ने एक के बाद एक 15 हिट फ़िल्में देकर बॉलीवुड में सुपरस्टार का दर्जा प्रपात किया था. ‘काका’ के नाम से ख़ास पहचान रखने वाले राजेश खन्ना अपनी अदाकारी के साथ ही अपनी हर एक चीज के लिए फैंस के बीच चर्चा का विषय बने रहते थे.

साल 1966 में फिल्म ‘आख़िरी खत’ से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वाले राजेश खन्ना अपने कपड़े पहनने के अंदाज को लेकर भी ख़ूब चर्चा में रहे हैं. फैंस को ‘काका’ का बंगाली स्टाइल का धोती कुर्ता हो या फिर सफारी सूट पहनना हर एक अंदाज रास आता था. हालांकि क्या आप जानते हैं कि, अपने दौर के सुपरस्टार रहे राजेश खन्ना किस दर्जी से अपने कपड़े सिलवाया करते थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि, कभी ‘काका’ के कपड़े सिलने वाले दर्जी बलदेव पाठक की दोनों बेटियां और उनके दामाद आज बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी ख़ास पहचान रखते हैं.

राजेश खन्ना के कपड़े सिलने के चलते बलदेव पाठक काफी लोकप्रिय भी हो गए थे. जब धीरे-धीरे लोगों के बीच यह बात पहुंचने लगी कि, राजेश खन्ना के कपड़े बलदेव पाठक सिलते हैं तो देश के कोने-कोने से लोग बलदेव पाठक के पास कपड़े सिलवाने के लिए आते थे. राजेश खन्ना की बदौलत बलदेव पाठक का कारोबार भी अच्छा होता था.

इन बॉलीवुड अभिनेत्रियों के पिता थे बलदेव पाठक…

बता दें कि, बलदेव पाठक ने गुजरे जमाने की एक्ट्रेस दीना पाठक से शादी की थीं. रत्ना पाठक ने बॉलीवुड की ढेरों फिल्मों में काम किया है. बलदेव पाठक और दीना पाठक दो बेटियों के माता-पिता बने. जिनका नाम है रत्ना पाठक और सुप्रिया पाठक. रत्ना और सुप्रिया भी बॉलीवुड अभिनेत्रियां है.

ये बॉलीवुड एक्टर्स हैं बलदेव पाठक के दामाद…

जहां बलदेव पाठक और रत्ना पाठक की बेटियां अभिनेत्री है, तो वहीं उनके दामाद भी बॉलीवुड में अपनी ख़ास पहचान रखते हैं. रत्ना पाठक की शादी दिग्गज़ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह से हुई है, वहीं सुप्रिया पाठक ने पंकज कपूर संग सात फेरे लिए हैं. गौरतलब है कि, सुप्रिया, अभिनेता शाहिद कपूर की सौतेली मां है.

बता दें कि, आज न ही राजेश खन्ना इस दुनिया में है और न ही बलदेव पाठक. ‘काका’ ने इस दुनिया को 18 जुलाई 2012 को मुंबई में अलविदा कह दिया था. राजेश खन्ना ज़िंदगी के आख़िरी समय में काफी बीमार हो चुके थे और उनकी तबीयत काफी खराब रहा करती थी. उन्होंने अपने बंगले ‘आशीर्वाद’ में अंतिम सांस ली थी.

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