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कोरोना काल में कैसा चल रहा सेक्स वर्कर्स का धंधा? सच्चाई जान यकीन नहीं होगा

कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगा है। इस दौरान कई लोगों की जॉब चली गई। लोगों के धंधे पानी ठप्प पड़ गए। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में दिहाड़ी मजदूर भी अपने घर को पलायन करने लगे हैं। कई लोगों की दुकानदारी भी कम हुई है। इस बीच समाज में एक वर्ग ऐसा भी है जिसके ऊपर कोरोना का इस कदर असर पड़ा है कि उनकी दो वक्त की रोटी का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है। हम यहां बात कर रहे हैं सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) की।

जिस्म का सौदा कर पैसे कमाने वाली इन वेश्याओं का धंधा कोरोना में चौपट हो गया है। दिल्ली में तो इस वायरस और लॉकडाउन की वजह से कई सेक्स वर्कर्स भुखमरी की कगार पर आ पहुंची है। ऐसे में लगभग 60 प्रतिसद महिलाएं तो अपने प्रदेश वापस लौट भी चुकी हैं। इनमें से ही एक सेक्स वर्कर्स बताती हैं कि मैं अपनी दो समय की रोटी का बंदोबस्त भी नहीं कर पा रही हूँ। इस बीमारी के डर से ग्राहक हमारे पास आने से कतरा रहे हैं।

एक अन्य वेश्या बताती है कि मेरा चार साल का बेटा है। हम दोनों ने कई दिनों से पेटभर खाना नहीं खाया है। कोरोना काल में हमारे पास कोई ऐसा काम नहीं है जिससे हम अपना पेट भर सके। इसी तरह और भी कई सेक्स वर्कर्स हैं जो इस तरह के हालातों से गुजर रही हैं। बताते चलें कि दिल्ली के जीबी रोड पर कुल 100 वेश्यालय हैं जिनें लगभग 1500 यौनकर्मी काम करती हैं।

दिल्ली के जी.बी रोड के बारे में आप में से कई लोगों ने सुना होगा। इसका पूरा नाम ‘गारस्टिन बास्टियन रोड’ है। यहां 100 साल से भी पुरानी इमारतें हैं। ये रोड जिस्म की प्यास बुझाने के लिए काफी फेमस है। ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (एआईएनएसब्लयू) की अध्यक्ष कुसुम बताती हैं कि यहां की अधिकतर यौनकर्मी अपने प्रदेश के लिए रवाना हो चूक हैं। यहां दिल्ली में पंजीकृत यौनकर्मियों की संख्या करीब 5 हजार है। लेकिन घर वापस लौटने वाली यौनकर्मियों का आकड़ा इससे कही ज्यादा है।

इन यौनकर्मियों को भोजन और दवाओं जैसी बेसिक सुविधाएं नहीं मिल रही है। इन्होंने इसके बिना कई हफ्ते संघर्ष किया लेकिन अब ये हारकर अपने प्रदेश वापस लौट रही हैं। एक सेक्स वर्कर्स बताती है कि मुझे दिल्ली में 8 साल हो गए हैं। मैं यूपी से दिल्ली एक्ट्रेस बनने आई थी। 18 साल की उम्र में घर से भागी थी। लेकिन अपना पेट पालने के लिए इस घनदहे में आ गई। अब लॉकडाउन की वजह से कोई ग्राहक नहीं है। सभी जमापूँजी भी खत्म हो गई है। इसलिए घर लौटने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।

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