अध्यात्म

शुरू होने जा रही है शनिदेव की उल्टी चाल, इन राशि के लोग रहें जरा संभलकर

23 मई को शनि वक्री होने जा रहे हैं और इसका प्रभाव कई सारी राशियों पर पड़ेगा। ज्योतिषों के अनुसार 23 मई रविवार की दोपहर 02.50 मिनट पर शनि वक्री हो जाएंगे और उल्टी चाल चलने लगेंगे। करीब 5 महीने तक शनि यहीं चाल चलेंगे और 11 अक्टूबर 2021 को शनि फिर से मार्गी हो जाएंगे और सीधी चाल चलने लग जाएंगे। इस दौरान कुछ राशियों के जातकों को काफी संभलकर रहने की जरूर है।

इन राशियों पर पड़ेगा असर

धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशि वालों पर शनि की उल्टी चाल का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। इन तीनों राशियों पर शनि की साढ़साती चल रही है। जबकि मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हैं, उन्हें शनि की वक्री यानी उल्टी चाल के दौरान सबसे ज्यादा सावधान रहना होगा। शनि की साढ़ेसाती 3 चरणों में होती है। धनु राशि वालों पर इसका अंतिम चरण चल रहा है। मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा तो कुंभ राशि वालों पर पहला चरण चल रहा है।

इस दौरान न करें ये काम

1.शनि की उल्टी चाल चलने के दौरान कोई नया काम शुरू न करें।

2.इस दौरान किसी भी जगह पैसों का निवेश करने से भी बचें।

3. लोहे की वस्तु को न खरीदें।

4. किसी के साथ विवाद में न पड़ें।

नीचे बताए गए उपायों को करें। इन उपायों को करने से साढ़ेसाती और ढैय्या का ज्यादा बुरा प्रभाव जीवन में नहीं पड़ेगा।

  • शनिदेव को खुश करने के लिए व इनके प्रकोप से बचने के लिए अच्छे कर्म करें। किसी को दुख न पहुंचाएं। सच का साथ दें और किसी के साथ कुछ भी बुरा करने से बचें।
  • हनुमान जी की पूजा करें। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने के बाद सरसों का तेल हनुमान जी को जरूर अर्पित करें।
  • भगवान शिव की पूजा से भी शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार को शिव की पूजा करें और इन्हें नीले रंग का फूल अर्पित करें।
  • बुजुर्ग लोगों की सेवन करें और इन्हें किसी भी प्रकार का दुख न पहुंचाएं।
  • शनिवार के दिन शनि देव को काले रंग की चीजें अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं। तेल का दीपक हो सके तो पीपल के पेड़ के नीचे भी जला दें।
  • इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को जूते चप्पलों का दान जरूर करें। जूते चप्पलों का दान करने से भी इस ग्रह से रक्षा होती है।
  • तेल में एक रोटी बनाएं। फिर इस रोटी को किसी काले कुत्ते को खाने के लिए देंगें।
  • लोहे का छल्ला धारण करना भी शुभ फल देता है। लोहे के छल्ले को शनिवार के दिन शनिदेव के चरण में रख दें। फिर इनकी पूजा करें। पूजा करने के बाद इसे धारण कर लें। छल्ले को धारण करने के बाद पहनें रखें। इसे खोलने की गलती न करें। ये छल्ला तभी खोलें जब शनि का प्रकोप कम हो जाए।

शनि मंत्रों का जाप करें और शनि चालीसा को पढ़ें-

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

तो ये थे कुछ उपाय जिनको करने से शनिग्रह के प्रकोप से बचा जा सकता है।

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