दिलचस्प

लोग मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं, इन मां बाप ने अपने एक माह के बच्चे को ही चढ़ा दिया, जाने क्यों?

अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु मंदिर में मन्नत लेना बहुत आम बात है। जब भी व्यक्ति के मन में कोई मनोकामना होती है तो वह मंदिर जाकर भगवान से मन्नत माँगता है। मांग पूरी होने पर मांगी गई मन्नत के अनुसार वह मंदिर में कुछ चढ़ाता या दान करता है। आप ने भी मंदिर में कई तरह की चीजें दान की होगी। दूसरे लोगों को भी एक से बढ़कर एक महंगी और अजीब चीजें दान करते हुए देखा होगा।

लेकिन क्या आप मंदिर में अपना बच्चा दान कर सकते हैं? यकीनन ये बात किसी को हजम नहीं होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने 30 दिन के मासूम बच्चे को मंदिर में दान कर दिया। ये अजीबोगरीब मामला हरियाणा के हांसी का बताया जा रहा है। यहां के समाधा मंदिर में एक व्यापारी पिता और मां ने अपने एक माह के नवजात शिशु को साधुत्व के लिए दान कर दिया।

जब इस घटना की तस्वीर वायरल हुई तो पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने परिवार को चेतावनी दी और लिखित में उनसे बच्चे की परवरिश करने की बात भी लिखवाई। तब जाकर माता पिता ने मंदिर में दान किए हुए बच्चे को वापस लिया।

सिसाय पुलिस चौकी इंचार्ज वेदपाल नैन बताते हैं कि गुरुवार को समाधा मंदिर में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इसमें डडल पार्क निवासी फ्रूट व्यापारी भी आए थे। उन्होंने यहां अपने एक माह के बच्चे को मंदिर में चढ़ा दिया। इसके बाद मंदिर में महंतों व परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में कुछ रस्में की गई और बच्चे का नामकरण कर उसे नारायण पुरी नाम दिया गया।

जब ये मामला सोशल मीडिया के माध्यम से चर्चा में आया तो पुलिस भी तुरंत हरकत में आई। उन्होंने परिवार और मंदिर के महंत को चौकी में बुलाया। यहां पुलिस ने परिवार को कानूनी धाराएं समझाते हुए चेतावनी दी। जब परिवार को पुलिस कार्रवाई का डर सताया तो उन्होंने मंदिर जाकर दान किया हुआ बच्चा वापस ले लिया। इसके साथ ही पुलिस के कहने पर उन्होंने लिखित में बच्चे की परवरिश करने का वादा भी किया।

मंदिर के महंत पांचम पुरी बताते हैं कि इस मंदिर में मन्नत पूरी होने पर लोग अपना बच्चा चढ़ाते हैं। कुछ माह पहले ही मंदिर में एक शख्स ने अपनी मन्नत पूरी होने पर एक बच्चा दान किया था। इस बच्चे का नाम पूनम पूरी रखा गया। जानकारी के मुताबिक मंदिर में दान किया गया बच्चा आगे चलकर साधु बनता है।

Back to top button